नई बाजार में तोड़फोड़ व आगजनी करने वालों पर दो और केस हुआ दर्ज Gorakhpur News

नई बाजार में तोड़फोड़ व आगजनी करने वाले उपद्रवियों पर झंगहा पुलिस ने दो और मुकदमा दर्ज किया है। पशु चिकित्साधिकारी और सहकारी समिति के सचिव की तहरीर पर यह कार्रवाई हुई है। इससे पहले चौकी प्रभारी बीडीओ और रिटर्निंग अफसर ने अलग-अलग केस दर्ज कराए थे।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:10 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 09:11 AM (IST)
नई बाजार में तोड़फोड़ व आगजनी करने वालों पर दो और केस हुआ दर्ज Gorakhpur News
नई बाजार चौराहे पर गश्त करते पीएसी के जवान। फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन : नई बाजार में तोड़फोड़ व आगजनी करने वाले उपद्रवियों पर झंगहा पुलिस ने दो और मुकदमा दर्ज किया है। पशु चिकित्साधिकारी और सहकारी समिति के सचिव की तहरीर पर यह कार्रवाई हुई है। इससे पहले चौकी प्रभारी, पीएसी के प्लाटून कमांडर, बीडीओ और जिला पंचायत सदस्य चुनाव के रिटर्निंग अफसर ने उपद्रवियों पर अलग-अलग केस दर्ज कराए थे।

उपद्रवियों ने धावा बोलकर क्षतिग्रस्‍त कर दी थी गाड़ी

पशु चिकित्साधिकारी अतुल कुमार ने झंगहा पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि पांच मई की शाम को सचल पशु चिकित्सा वाहन पशु चिकित्सालय में खड़ी थी। उपद्रवियों ने धावा बोलकर गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दी। झंगहा पुलिस ने अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को क्षतिग्रस्त करने और गाड़ी में तोड़फोड़ करने का केस दर्ज किया है। दूसरी तहरीर साधन सहकारी समिति ब्रह्मपुर के सचिव विकास मिश्रा ने दी है। उन्होंने पुलिस को बताया कि विभागीय कार्य के लिए देवरिया के रहने वाले अपने रिश्तेदार शुभम तिवारी की गाड़ी इस्तेमाल करते हैं।

उपद्रवियों ने तोड़ दी थी गाड़ी

पांच मई को गाड़ी सहकारी समिति के प्रांगण में खड़ी थी, जिसे उपद्रवियों ने तोड़ दिया। एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने बताया कि रिटर्निंग अफसर व 18 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वीडियो फुटेज की मदद से अन्य लोगों की तलाश चल रही है।

एफआइआर में पेट्रोल पंप कर्मचारियों का भी नाम

नई बाजार पुलिस चौकी में आग लगाने से पहले उपद्रवियों ने पेट्रोल पंप में तोड़फोड़ की थी। चौकी प्रभारी ने 61 नामजद व 500 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है, जिसमें पेट्रोल पंप के कर्मचारियों का भी नाम है। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि घटना के बाद 30 लोगों को पुलिस ने पकड़ा था लेकिन जांच करने के बाद केवल 18 लोगों को जेल भेजा गया। यदि एफआइआर में पेट्रोल पंप कर्मचारियों का नाम है तो उनकी मदद होगी।

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