North Eastern Railway: डिजिटल होंगे रेलवे के टीटीई, लेकर चलेंगे पीओएस और एचएचटी
दरअसल टिकट चेकिंग स्टाफ पूरी तरह डिजिटल होंगे। टीटीई लाबी को सौ फीसद डिजिटल बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। बोर्ड ने सभी ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाने पर भी जोर दिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। टिकट चेकिंग स्टाफ (टीटीई और सीटीआइ आदि) के हाथों में अब अतिरिक्त किराया टिकट (ईएफटी) नहीं दिखेगा। ईएफटी की जगह प्वाइंट आफ सेल्स मशीन (पीओएस) होगी। यात्री एटीएम से ही किराया और जुर्माने भी भुगतान कर सकेंगे। यही नहीं टीटीई बोगियों में आरक्षण चार्ट लेकर घूमते भी नजर नहीं आएंगे। इसके लिए उन्हें हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) दिए जाएंगे। जिससे टिकट बनाने के साथ खाली बर्थें भी बुक हो जाएंगी।
रेलवे बोर्ड का दिशा निर्देश जारी
दरअसल, टिकट चेकिंग स्टाफ पूरी तरह डिजिटल होंगे। टीटीई लाबी को सौ फीसद डिजिटल बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। बोर्ड ने सभी ट्रेनों में टिकट चेकिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाने पर भी जोर दिया है। फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे पहले से ही डिजिटल बनने की तरफ अग्रसर है। दफ्तरों को कंप्यूटरीकृत करने के बाद टीटीई को पीओएस देने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया से अनुबंध भी कर लिया गया है।
टिकट चेकिंग स्टाफ को प्रशिक्षित करने की योजना
जानकारों के अनुसार एसबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे को 1098 पीओएस उपलब्ध भी करा दिया है। टिकट चेकिंग स्टाफ को प्रशिक्षित करने की योजना चल रही है। जल्द ही मंडलवार प्रशिक्षण शुरू हो जाएंगे। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने टिकट चेकिंग स्टाफ को हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) देने की योजना भी तैयार कर ली है। ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित टर्मिनल सीधे सेंटर फार रेलवे इंफार्मेशन सिस्टम (क्रिस) से जुड़ा रहेगा। इस सिस्टम में ट्रेन का चार्ट लोड रहेगा। टीटीई टिकटों की बुकिंग के साथ बर्थ आवंटन भी कर सकेंगे। जुर्माना काटने की भी आनलाइन व्यवस्था रहेगी। इसके अलावा टीटीई बिना छूए टिकट की जांच कर लेंगे। एचएचटी के अलावा टिकट जांच के लिए अलग से मोबाइल एप भी तैयार किया जा रहा है। जो टिकट पर अंकित बार कोड के जरिए टिकट की जांच कर लेंगे। इससे टिकटों के फर्जीवाड़ा पर भी अंकुश लगेगा।