गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेलमार्ग पर पेड़ गिरा, 12 घंटे प्रभाव‍ित रहा रेल आवागमन

गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेलमार्ग पर पेड़ गिर गया। इसके चलते गोरखपुर से वाराणसी और प्रयागराज के रास्ते कानपुर अनवरगंज जाने वाली चौरीचौरा एक्सप्रेस लगभग 12 घंटे तक कैंट स्टेशन पर ही खड़ी रह गई। गोरखपुर-वाराणसी और गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग छपरा रूट पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 12:56 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 12:56 PM (IST)
गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेलमार्ग पर पेड़ गिरा, 12 घंटे प्रभाव‍ित रहा रेल आवागमन
गोरखपुर के रेल रूट पर ग‍िरा पेड़। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। रेल लाइनों पर पेड़ों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। कुसम्ही जंगल के पेड़ तो ट्रेनों के पहियों को ही थाम दिया। सोमवार की रात भी गोरखपुर कैंट-कुसम्ही रेलमार्ग पर पेड़ गिर गया। इसके चलते गोरखपुर से वाराणसी और प्रयागराज के रास्ते कानपुर अनवरगंज जाने वाली चौरीचौरा एक्सप्रेस लगभग 12 घंटे तक कैंट स्टेशन पर ही खड़ी रह गई। गोरखपुर-वाराणसी और गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग छपरा रूट पर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया। मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे के आसपास रेल लाइन से पेड़ हटा तो ट्रेनों का आवागमन शुरू हुआ।

परेशान हुए यात्री

ट्रेनों का संचालन ठप होने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। ट्रेनों के विलंबित होने से हजारों यात्री समय से अपने गतव्य पर नहीं पहुंच सके। दर्जनों यात्रियों ने अपनी यात्रा निरस्त कर दी। वे कैंट से वापस घर लौट आए। जानकारों के अनुसार रेल लाइन पर पेड़ गिरने की सूचना तो रात 12 बजे के आसपास ही मिल गई। लेकिन अंधेरा होने के चलते उसे हटाया नहीं जा सका। हालांकि, छपरा जाने वाली अधिकतर ट्रेनों को कप्तानगंज रूट से चलाया गया। लेकिन वाराणसी रूट पर चलने वाली ट्रेनें खड़ी ही रहीं। यहां जान लें कि सितंबर के पहले सप्ताह में भी कैंट और कुसम्ही स्टेशन के बीच रेल लाइन पर पेड़ गिर गया था। इसके चलते गोरखपुर-देवरिया रूट पर लगभग छह घंटे तक ट्रेनों का संचालन ठप रहा। छपरा-नौतनवा, छपरा-मथुरा, कटिहार- अमृतसर और नई दिल्ली-सहरसा स्पेशल सहित आधा दर्जन ट्रेनें कप्तानगंज रूट से चलाई गईं। दादर, कृषक, मौर्य और वैशाली आदि दर्जन भर गाड़ियां पांच से छह घंटे लेट हुईं। सिवान-गोरखपुर पैसेंजर ट्रेन देवरिया में ही रोक दी गई।

नहीं कर पाए माता रानी का दर्शन

यात्री संजय सिंह अपने परिवार के साथ विंध्याचल जाने के लिए चौरीचौरा रेलवे स्टेशन पर चौरीचौरा एक्सप्रेस का इंतजार करते रहे। पूरी रात स्टेशन पर ही गुजर गई। सुबह 9 बजे तक ट्रेन नहीं आई तो वह वापस घर चले गए। संजय सिंह सहित सैकड़ों यात्री कैंट, चौरीचौरा, देवरिया, भटनी, मऊ और वाराणसी में रात भर ट्रेनों का इंतजार ही करते रहे।

इन ट्रेनों का प्रभावित रहा संचालन

गोरखपुर से सुबह के समय रवाना होने वाली दाद, मौर्य, बापूधाम, कृषक, छपरा-मथुरा, गोदान और गोरखपुर-सिवान स्पेशल ट्रेन।

ट्रेनों की राह रोक रहे रेलवे ट्रैक पर लटके 475 पेड़

गोरखपुर कैंट और कुसम्ही रेलवे स्टेशन के बीच रेल लाइन पर लटके 475 सागौन के पेड़ ट्रेन संचालन को लेकर खतरा बने हुए हैं। भारी बारिश में यह पेड़ लगातार रेल लाइन पर गिर रहे हैं। रेलवे महकमा को मुश्किलों का सामना तो करना ही पड़ा, हजारों यात्री परेशान हो रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह कहते हैं कि रेलवे लाइन के किनारे लगे ऐसे संवेदनशील वृक्षों का संयुक्त सर्वे कराया गया है। ऐसे वृक्षों की छपान कर वन विभाग द्वारा इसे कटवाया जाता है। वन विभाग का कहना है कि वृक्षों के चिन्हांकन के बाद उनकी लाट बनवाई जा रही है। सप्ताह भीतर यह कार्य पूरा हो जाएगा। उसके बाद वन निगम को पेड़ काटने की जिम्मेदारी दे दी जाएगी। मामला जो भी है, लेकिन दो माह से लगातार पेड़ों के गिरने से ट्रेनों का संचालन बाधित हो रहा है। आम यात्री परेशान हो रहे हैं।

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