गोरखपुर के मेडिकल कालेज में आम मरीजों का इलाज शुरू, मरीजों की सांसत भी बढ़ी Gorakhpur News

नवंबर से मेडिकल कालेज की ओपीडी खोल दी गई है। इसके पहले टेली मेडिसिन के जरिये मरीज देखे जा रहे थे। ओपीडी में भीड़ न हो इसके लिए कालेज प्रशासन ने एक नई व्यवस्था की है। मरीज को एक दिन पहले फोन पर रजिस्टे्रेशन कराना होगा।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 02:10 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:36 PM (IST)
गोरखपुर के मेडिकल कालेज में आम मरीजों का इलाज शुरू, मरीजों की सांसत भी बढ़ी Gorakhpur News
गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कालेज का फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में कोरोना काल से बंद चल रही ओपीडी को नई रूपरेखा में खोलने से मरीजों की सांसत बढ़ गई है। ओपीडी में दिखाने के लिए मरीजों को एक दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन के दिन जिस डाक्टर की ओपीडी होती है, उसी के नाम का पर्चा आनलाइन काट कर विभाग में भेज दिया जाता है। जब मरीज पहुंचता है तो दूसरे डाक्टर बैठे मिले होते हैं। जो डाक्टर मरीजों को पहले से देख रहे हैं, उन्हें मरीज नहीं दिखा पा रहा है। इस तरह की व्‍यवस्‍था से मरीजों की सांसत बढ़ गई है।

नवंबर से मेडिकल कालेज की ओपीडी खोल दी गई है। इसके पहले टेली मेडिसिन के जरिये मरीज देखे जा रहे थे। ओपीडी में भीड़ न हो, इसके लिए कालेज प्रशासन ने एक नई व्यवस्था की है। मरीज को एक दिन पहले फोन पर रजिस्टे्रेशन कराना होगा। उसे दूसरे दिन एक निश्चित समय पर बुलाया जाएगा। उसी समय पर उसे पहुंचना होगा। रजिस्ट्रेशन कराने पर तत्काल उसका पर्चा आनलाइन कट रहा है, उस पर उस दिन ओपीडी में बैठे डाक्टर का नाम भी लिख दिया जा रहा है और उसे संबंधित विभाग में भेज दिया जाएगा। पुराने मरीज ओपीडी में जिस दिन डाक्टर के पास जाते थे, उसी दिन रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। लेकिन उन्हें दूसरे दिन बुलाया जा रहा है। दूसरे दिन दूसरे डाक्टर बैठे मिल रहे हैं। इससे वे परेशान हैं। वे अपने पसंदीदा डाक्टर को दिखा नहीं पा रहे हैं। मेडिकल कालेज पहुंचने पर उन्हें बताया जा रहा है कि उनके पसंदीदा डाक्टर जिस दिन बैठते हैं, उसके एक दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराएं।

प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. गिरीश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि जब मरीज दूसरे दिन पहुंचते हैं तो उनके पर्चे पर लिखे डाक्टर के नाम पर ह्वाइटनर लगाकर दूसरे दिन ओपीडी में बैठे डाक्टर का नाम लिख दिया जाता है। यदि मरीज दूसरे डाक्टर को दिखाना चाहते हैं तो कब रजिस्ट्रेशन कराना है, यह समझा दिया जा रहा है।

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