यात्रा में प्रवासियों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं, तकलीफ भरा सफर
मंबई से आने वाले लोगों के लिए टेन में सुविधाएं नहीं के बराबर है। इस नाते सफर मुश्किल भरा है।
गोरखपुर, जेएनएन। सिद्धार्थनगर जनपद आने वाले प्रवासियों की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। पहले ट्रक, डीसीएम, मैजिक व पैदल यात्रा की तकलीफ। ट्रेन चली तो ऐसा लगा कि कुछ परेशानियां कम होने वाली है, मगर यहां भूख, प्यास के साथ पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ रही है। रूट बदलने के कारण मुसीबत अलग, स्टेशन पर कई-कई घंटे गाड़ी खड़ी होने के कारण गर्मी में दिक्कतें अलग। चीखते बच्चों की पुकार, महिला व पुरुषों की पीड़ा को सुनने वाला कोई नहीं।
जी हां, ऐसी पीड़ा कुछ लोगों ने जागरण को फोन करके सुनाई। जनिकौरा निवासी राधेश्याम गुप्ता, घनश्याम, महुआ खुर्द निवासी राम शंकर चौरसिया, दुफेड़िया निवासी चिन्नू, रोहित, कठेला निवासी चंद्र प्रकाश कन्नौजिया, इंद्रावती आदि ने बताया कि महाराष्ट्र के वसई से गोरखपुर के लिए स्पेशल ट्रेन रवाना हुई। जिस पर वह लोग बैठे थे। ट्रेन अभी ¨हडौन सिटी पहुंची ही थी, कि उसका रुट बदलकर उसे दिल्ली के रास्ते पर मोड़ दिया गया। इसके चलते लोगो को तमाम परेशानियां झेलनी पड़ीं। सुबह चार बजे उत्तर प्रदेश के हरदोई स्टेशन पर पहुँची। इस बोगी में तहसील क्षेत्र के दर्जनों लोग सवार थे। बोगी में न ही कुछ खाने को मिला, न ही पीने मिला।
मजदूर तेज धूप में भूख व प्यास से तड़पते रहे। दोपहर दो बजे तक ट्रेन यहीं खड़ी रही। यहाँ फल व पानी का स्टाल लगा था, मगर फल व पानी मांगने पर रेलवे पुलिस ने प्रवासी मजदूरों को गाली देते हुए भगा दिया। दोबारा पानी मांगने पर लाठी चार्ज कर दिया। जिसमें राधेश्याम गुप्ता के हाथ व पीठ पर काफी चोट आईं, घनश्याम गुप्त सहित दर्जन भर लोग घायल हुए। यात्रियों ने कहा कि ऐसा सफर वह लोग कभी नहीं भूल सकते, ईश्वर से बस एक ही प्रार्थना, जैसे हो घर पहुंच जाएं।