गोरखपुर में बिना मान्यता के धड़ल्‍ले से चल रहे ट्रामा सेंटर, फिर भी कार्रवाई नहीं

गोरखपुर में किसी अस्पताल को ट्रामा का संचालन करने की अनुमति विभाग ने नहीं दी है। बावजूद इसके 12 किमी दायरे में 24 ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। विडंबना यह है कि आज तक ट्रामा लिखने के लिए विभाग ने किसी अस्पताल पर कार्रवाई नहीं की है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 05:30 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 05:30 PM (IST)
गोरखपुर में बिना मान्यता के धड़ल्‍ले से चल रहे ट्रामा सेंटर, फिर भी कार्रवाई नहीं
बुद्व विहार स्थित कृष्णा हास्पिटल सुपर स्पेशलिटी एंड ट्रामा सेंटर। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शहर में ट्रामा का ड्रामा वर्षों से धड़ल्ले से चल रहा है। इन्हें नियंत्रित करने का दावा करने वाले सेहत महकमे को अस्पतालों का यह छल आज तक नजर नहीं आया। किसी अस्पताल को ट्रामा का संचालन करने की अनुमति विभाग ने नहीं दी है। बावजूद इसके 12 किमी दायरे में 24 ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। विडंबना यह है कि आज तक ट्रामा लिखने के लिए विभाग ने किसी अस्पताल पर कार्रवाई नहीं की है। बिना अनुमति के औसतन एक किमी में दो ट्रामा सेंटर चल रहे हैं।

मरीजों को कर रहे गुमराह

अस्पतालों के प्रबंधक स्वास्थ्य विभाग की आंख में धूल झोंक कर मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने केवल अस्पताल संचालित करने की अनुमति दी है। लेकिन कई अस्पताल बोर्ड पर नाम के आगे ट्रामा सेंटर जोड़कर मरीजों को गुमराह कर रहे हैं। इनमें से दो अस्पतालों को तो विभाग ने जिस नाम से अनुमति प्रदान की है, उसमें भी ट्रामा सेंटर लिखा हुआ है। इस बारे में विभाग का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अपने अस्पताल का कोई भी नाम रख सकता है। जिन दो अस्पतालों के नाम में ट्रामा सेंटर जुड़ा है और उन्हें अनुमति प्रदान की गई है, वह अनुमति भी केवल अस्पताल की है न कि ट्रामा सेंटर की। बैरिया चौराहा स्थित न्यू संजीवनी हास्पिटल एंड ट्रामा सेंटर तथा फातिमा रोड स्थित नारायण ट्रामा एंड मल्टी स्पेशलिटी हास्पिटल को विभाग ने इसी नाम से लाइसेंस प्रदान किया है।

होती है जांच लेकिन नहीं पड़ी नजर

स्वास्थ्य विभाग के पास नर्सिंग होमों की जांच के लिए एक भारी-भरकम अमला है। एसीएमओ इसके नोडल अधिकारी हैं, उनके निर्देशन में टीम मानकों की जांच करती है। कार्रवाई के नाम पर ज्यादातर को नोटिस दिया जाता है। बात यहीं खत्म हो जाती है। लेकिन अवैध रूप से अपने बोर्ड पर ट्रामा सेंटर लिखने को लेकर आज तक किसी को नोटिस भी नहीं दिया गया। जबकि विभाग जानता है कि किसी को ट्रामा सेंटर चलाने की अनुमति नहीं दी गई है। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय का कहना है कि किसी भी अस्पताल को ट्रामा सेंटर चलाने की अनुमति नहीं दी गई है। यदि कोई अवैध रूप से बिना सुविधाओं के ट्रामा का संचालन करता है तो यह नियम विरुद्ध है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डा. एनके पांडेय का कहना है कि जो अस्पताल अपने बोर्ड पर ट्रामा सेंटर लिखे हैं, उनकी जांच की जाएगी। अस्पताल में ट्रामा हो सकता है लेकिन उसकी अनुमति जरूरी है और सभी सुविधाएं होनी चाहिए।

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