जंगल में ली थी साइबर ठगी की ट्रेनिंग, लोगों को बेवकूफ बनाकर ऐसे करते थे ठगी
गोरखपुर में पकड़ा गया साइबर अपराधियों का गिरोह पुलिस को चकमा देने के लिए दूसरे राज्य का सिमकार्ड इस्तेमाल करता था। गांव के रहने वाले ट्रक चालक 500 रुपये में राजस्थान तमिलनाडु मध्य प्रदेश असम झारखंड और पश्चिम बंगाल से सिमकार्ड लाकर उन्हें देते थे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। साइबर सेल के हत्थे चढ़ा मथुरा के साइबर अपराधियों का गिरोह पुलिस को चकमा देने के लिए दूसरे राज्य का सिमकार्ड इस्तेमाल करता था। गांव के रहने वाले ट्रक चालक 500 रुपये में राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, असम, झारखंड और पश्चिम बंगाल से सिमकार्ड लाकर उन्हें देते थे। जिसे वारदात करने के बाद जालसाज तोड़ देते थे।एक साल में इस गिरोह ने 80 लाख से अधिक की ठगी की है।
चकमा देने के लिए इस्तेमाल करते थे दूसरे राज्य का सिमकार्ड
एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि पकड़े साइबर अपराधी हाईस्कूल तक पढ़े हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि राजस्थान व यूपी बार्डर पर जंगल में उन्होंने साइबर ठगी की ट्रेनिंग ली है। पहले गिरोह के सदस्य हाईवे पर लूटपाट करते थे। लेकिन अब फर्जी आइडी बनाकर आनलाइन ठगी करते हैं। यह गिरोह नेता, पुलिस, व्यवसायी, प्रतिष्ठित व्यक्ति की प्रोफाइल फेसबुक पर सर्च करके उनके परिचितों से फर्जी वालेट/बैंक खातों में रुपये ट्रांसफर कराता है।
आरोपितों ने बताया कि राजस्थान, भरतपुर के जुहेड़ा थानाक्षेत्र स्थित जीरा हीरा गांव निवासी मुजफ्फर ट्रक चालक है।जो मध्य प्रदेश,बिहार,झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम, दिल्ली के साथ ही अन्य राज्य में आता-जाता रहता है।वहां से फर्जी आइडी पर लिया गया सिमकार्डर लाकर 500 रुपये देता है।पकड़े गए जालसाजों को साइबर अपराध की ट्रेनिंग व सिमकार्ड उपलब्ध कराने वाले आरोपितों की तलाश चल रही है।स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी दी गयी है।जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सभी का तय था कमीशन
पकड़े गए जालसाज साकिर खान ने पूछताछ में बताया कि वह मथुरा के रहने वाले संजय की मदद से फर्जी व्यक्ति के नाम पर खुले खाता में रुपये ट्रांसफर कराते थे।फर्जी खातों में आए रुपये निकालकर 80 प्रतिशत आइडी हैक करने वाले (अन्सार आदि) को,15 प्रतिशत संजय को और पांच प्रतिशत हिस्सा उसको मिलता था।
पुलिस की अपील, बरतें ये सावधानी
अपना यूजर आईडी और पासवर्ड किसी से शेयर न करें।
मोबाइल नंबर, नाम, जन्मतिथि को पासवर्ड न बनाएं।
पासवर्ड बताते समय अल्फाबेट,न्यूमेरिक,स्पेशल करेक्टर का प्रयोग करें।
अनजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करते समय सावधानी बरतें।
सोशल साइट पर निजी जानकारी पोस्ट करने में सावधानी बरतें।
किसी भी अवांछनीय ङ्क्षलक या मैसेज पर क्लिक करने से बचें।