Oxygen Supply In Gorakhpur: 40 टन लिक्विड लेकर गोरखपुर पहुंची ट्रेन आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस

Oxygen Supply In Gorakhpur राज्य सरकार की पहल पर आक्सीजन एक्सप्रेस 40 टन लिक्विड आक्सीजन लेकर गोरखपुर पहुंच गई। पूर्वाह्न 11.45 बजे के आसपास विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म पर जैसे ही आक्सीजन एक्सप्रेस खड़ी हुई मौजूद लोगों के चेहरे की चमक बढ़ गई।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 01:06 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 05:36 PM (IST)
Oxygen Supply In Gorakhpur: 40 टन लिक्विड लेकर गोरखपुर पहुंची ट्रेन आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस
गोरखपुर स्‍टेशन पर पहुंची आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : आखिरकार, इंतजार समाप्त हुआ। राज्य सरकार की पहल पर शनिवार को आक्सीजन एक्सप्रेस 40 टन लिक्विड आक्सीजन लेकर गोरखपुर पहुंच गई। पूर्वाह्न 11.45  बजे के आसपास विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म पर जैसे ही आक्सीजन एक्सप्रेस खड़ी हुई, मौजूद लोगों के चेहरे की चमक बढ़ गई। उनकी खुशी बता रही थी कि अब पूर्वांचल के संक्रमितों की भी आक्सीजन की कमी के कारण जान नहीं जा सकेगी।

शुक्रवार रात दुर्गापुर से चली थी आक्‍सीजन एक्‍सप्रेस

जानकारों के अनुसार आक्सीजन एक्सप्रेस दुर्गापुर से 20-20 टन क्षमता वाले दो टैंकर में 40 टन लिक्विड आक्सीजन लेकर शुक्रवार की रात 11.50 बजे के आसपास गोरखपुर के लिए रवाना हुई। यह ट्रेन वाराणसी, मऊ, भटनी और देवरिया होते हुए करीब 840 किमी की दूरी तय कर लगभग 12 घंटे में गोरखपुर जंक्शन के लाइन नंबर तीन पर आकर खड़ी हो गई। गोरखपुर में दो मिनट रुकने के बाद यह ट्रेन नकहा जंगल के लिए रवाना हो गई। यह ट्रेन 12.10 बजे नकहा जंगल स्टेशन के पार्सल यार्ड में पहुंच गई।

नकहा जंगल स्‍टेशन के पार्सल यार्ड में तैयार हुआ प्‍लेटफार्म और रैंप

रेलवे प्रशासन ने नकहा जंगल स्टेशन के पार्सल यार्ड में एक्सप्रेस एक्सप्रेस के लिए पहले से ही प्लेटफार्म और रैंप तैयार कर लिया था। मौके पर जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन, एडीएम राजेश सिंह, गोरखपुर जंक्शन के प्रबंधक मुकेश सिंह और वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी चंद्र प्रकाश चौहान सहित रेलवे और जिला प्रशासन के संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंच गए। ट्रेन के टैंकर से आक्सीजन निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गोरखपुर में आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन के आ जाने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में भी अब आक्सीजन का संकट समाप्त हो जाएगा। दरअसल, संक्रमित लोगों के स्वजन आक्सीजन को लेकर परेशान थे। कहीं आक्सीजन नहीं मिल रहा था। संक्रमित आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे थे। चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई थी।

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