गोरखपुर-बस्ती मंडल में प्रार्थना के लिए अचानक रूक गए कदम, ठहर गई जिंदगी
वाहन में सवार लोग भी सड़क से हटकर अपने वाहन को खड़ा कर लिए थे और दो मिनट का समय निकाला। जो पैदल चल रहा था वह वहीं रुककर प्रार्थना करने लगा। कोरोना महामारी में हमारे बीच से कई शख्सियत चली गईं समाज को जिनकी बेहद जरूरत थी।
गोरखपुर, जेएनएन। नौ जून की सुबह ठीक नौ बजे। दिन की शुरुआत की घरेलू गतिविधियां और दफ्तरों व सड़कों पर आमदरफ्त दो मिनट के लिए थम-सी गई। या यूं कहें कि कदम रुक गए और जिंदगी ठहर गई। दो मिनट का यह मौन उन सभी की स्मृति के प्रति श्रद्धापूर्वक आदर जताने का था, जिन्हेंं कोरोना ने हमसे असमय छीन लिया है। उनके लिए दुआ करने का था, जिनकी आज भी इस महामारी से जंग जारी है। साथ ही उनके प्रति आभार का भी यह अवसर था जो इस जंग में योद्धा की तरह डटे हुए हैं। मानवीय रिश्ते की अभिव्यक्ति की इस मुहिम की पहल दैनिक जागरण की थी मगर इसमें शिरकत जनजन ने की।
सर्व धर्म प्रार्थना नाम की जागरण की इस मुहिम में शिकरत करने की उत्सुकता और प्रतिबद्धता बुधवार को तड़के से ही दिखने लगी। लंबे समय बाद आई अनलाक स्थिति ने भी इस प्रार्थना के सफल आयोजन में पूरा साथ दिया। मुख्य आयोजन स्थल गोलघर, रामगढ़ताल, मोहद्दीपुर और गोरखनाथ मंदिर तो इसे लेकर सुबह से ही तैयारी शुरू हो गई, घरों में भी नौ बजे की प्रार्थना में हिस्सा लेेने के लिए लोग अपना कामकाज जल्दी-जल्दी निपटाने लगे। इसे लेकर लोगों में समर्पण किस कदर था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई दफ्तरों में लोग आठ बजे से ही पहुंचने लगे ताकि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ठीक नौ बजे दो मिनट का मौन रख सकें। सबका प्रयास सुबह नौ बजे धरातल पर उतरता दिखाई पड़ा। घर, दफ्तर, सड़क, शिक्षण संस्थान सभी स्थानों पर लोग एक बारगी ठहर गए। शहर से लेकर गांव तक दो मिनट के लिए अतीव शांति छा गई। यह शांति प्रमाण थी संकट की घड़ी में एकजुटता की, एक-दूसरे के प्रति भावनात्मक समर्पण की। आयोजन की खासबात यह भी रही कि इसमें शामिल लोगों ने शारीरिक दूरी का पूरी शुचिता के साथ पालन किया।
मुहिम से जोडऩे को सड़क पर उतर पड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री
गणेश चौराहा गोलघर पर आयोजित प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक शिव प्रताप शुक्ल निर्धारित समय से आधा घंटा पहले ही पहुंच गए। इसके पीछे उनकी मंशा अधिक से अधिक लोगों को इस मुहिम से जोडऩे की दिखी। पहले उन्होंने वहां मौजूद सभी को इस मुहिम का महत्व बताया और जैसे ही प्रार्थना का समय हुआ, वह सड़क पर उतर गए और प्रार्थना में शामिल होने के लिए लोगों को आमंत्रित करने लगे। पूर्व मंत्री का आयोजन के प्रति समर्पण देख लोग इस कदर संवेदनशील हुए कि पल भर में वहां शांति छा गई। पूर्व मंत्री के साथ दो मिनट का मौन रखते हुए सभी ने पूरी तल्लीनता के साथ प्रार्थना की। प्रार्थना के बाद राज्यसभा सदस्य ने आयोजन को लेकर जागरण के प्रति आभार ज्ञापित किया।
रामगढ़ताल की जेटी पर सांसद रवि किशन ने की प्रार्थना
पूर्वांचल का सर्वाधिक मनोरम स्थल रामगढ़ताल भी आयोजन का एक मुख्य स्थान रहा, जहां फिल्म स्टार और सांसद रवि किशन की मौजूदगी महत्वपूर्ण रही। उन्होंने मौके पर मौजूद लोगों के अलावा आसपास खड़े लोगों को भी मुहिम से जोड़ा। नौ बजे से जब दो मिनट का मौन शुरू हुआ तो लगा जैसे रामगढ़ताल में उठने वाली लहरें भी ठहर गईं। सांसद सहित सभी की जुबां पर एक ही बात थी कि ताल भी कोरोना में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति दुख व्यक्त कर रहा है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है। श्रद्धांजलि प्रस्तुत करने वालों में सांसद के साथ उनके प्रतिनिधि समरेंद्र विक्रम सिंह, पीआरओ पवन दुबे आदि भी शामिल रहे। सांसद को यह मुहिम इतनी भायी कि वह प्रार्थना के बाद बहुत देर तक ताल के पास रुके रहे और सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरण के समर्पण की प्रशंसा करते रहे।
शहर का प्रवेश द्वार मोहद्दीपुर चौराहा वह तीसरा प्रमुख स्थल था, जहां सामूहिक रूप से प्रार्थना सभा आयोजित थी। राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद की मौजूदगी में यहां प्रार्थना पूर्व निर्धारित थी। नौ बजे की प्रार्थना के लिए राज्यसभा सदस्य पौने नौ बजे ही मौके पर पहुंच गए। भाजपा के क्षेत्रीय कोषाध्यक्ष पुष्पदंत जैन वहां पहले से मौजूद थे। नौ बजे के पहले मुहिम को लेकर चर्चा का दौर चला। जयप्रकाश निषाद सहित सभी लोगों ने एकस्वर से सामूहिक प्रार्थना आयोजित करने को लेकर जागरण की भूरि-भूरि सराहना की। ठीक नौ बजे चर्चा पर विराम लग गया और शारीरिक दूरी बनाकर सभी लोग चौराहे पर दो मिनट के लिए मौन हो गए। मोहद्दीपुर चौराहे जैसे व्यस्त स्थान की शांति आयोजन की सफलता और कोरोना के खिलाफ एकजुटता की कहानी कह रही थी।
गुरु गोरक्षनाथ की तपस्यास्थली यानी गोरखनाथ मंदिर में भी कोरोना महामारी में जान गंवाने वाले लोगों की आत्मा की शांति की प्रार्थना के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नामौजूदगी में प्रार्थना का नेतृत्व मंदिर कार्यालय के सचिव द्वारिका तिवारी ने किया। इस प्रार्थना में कार्यालय के वीरेंद्र सिंह, आनंद गुप्ता, दुर्गेश बजाज सहित सभी कर्मचारी और मौके पर पहुंचे फरियादी मौजूद रहे।