कुशीनगर में पर्यटक देख सकेंगे माथा कुंवर के खंडहर

कुशीनगर में स्थित बुद्ध कालीन प्राचीन खंडहरों में बारिश का पानी भर गया था प्रशासन ने यहां से पानी निकलवा दिया है इसके बाद से सभी खंडहर एक बार फिर दिखाई देने लगे हैं यह व्यवस्था प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए हुई है अब यह पर्यटकों के लिए भी सुलभ होंगे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:30 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:30 AM (IST)
कुशीनगर में पर्यटक देख सकेंगे माथा कुंवर के खंडहर
कुशीनगर में पर्यटक देख सकेंगे माथा कुंवर के खंडहर

कुशीनगर: कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का 20 अक्टूबर को उद्घाटन करने आ रहे पीएम नरेंद्र मोदी व अन्य अतिथि बुद्धस्थली कुशीनगर भी आएंगे। इसको देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने माथा कुंवर बुद्ध मंदिर व परिसर में हुए भारी जलभराव की समस्या का समाधान कर लिया है। अब अतिथियों को मंदिर व स्मारकों का दर्शन करने में कोई असुविधा नहीं होगी। यह मंदिर जमीन की सतह से नीचे है। भारी बारिश और आसपास से हो रहे जल रिसाव के कारण मंदिर परिसर में भारी जल भराव हो गया था। पानी मंदिर के गर्भ गृह में भी भर गया था। साथ ही परिसर के स्मारक पानी में डूब जाने से दिखाई नहीं पड़ रहे थे। इतना ही नहीं मंदिर तक जाने वाले मार्ग पर घुटने तक पानी जमा हो गया था। मंदिर में बुद्ध की 11 वीं सदी में कलचुरि राजाओं द्वारा बनवाई गई भू-स्पर्श मुद्रा में 10.5 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित है। यह 1876 की पुरातात्विक खोदाई में इसी स्थान पर प्राप्त हुई थी। इसे बुद्ध का कुशीनगर में प्रथम आसन स्थल माना जाता है। संरक्षण सहायक शादाब खान ने बताया कि जल निकासी का कार्य चल रहा है।

संस्कृति मंत्रालय की निदेशक ने लिया पीएम के कार्यक्रम स्थल का जायजा

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की निदेशक दीपिका पोखरना ने रविवार को महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर कुशीनगर परिसर का निरीक्षण किया। यहां 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम होना है।

पीएम कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन करने के बाद महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की लेटी प्रतिमा पर चीवर चढ़ाएंगे। यहां श्रीलंका से आए डेलिगेशन व देश के भिक्षुओं को संबोधित करेंगे। निदेशक ने पीएम के संबोधन स्थल पर बन रहे जर्मन हैंगर और मंदिर परिसर में आने वाले मार्ग को देखा। महापरिनिर्वाण बुद्ध मंदिर के अंदर बुद्ध की लेटी प्रतिमा के हो रहे केमिकल ट्रीटमेंट की जानकारी ली। स्तूप की परिक्रमा करते हुए स्मारकों में हुए जलजमाव के संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भापुस)के अधिकारियों से पूछताछ की। निदेशक ने बताया कि वह यहां 20 अक्टूबर को पीएम के कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने आईं थीं। पीएम बुद्ध मंदिर के दर्शन के बाद श्रीलंका के डेलिगेशन व देश के भिक्षुओं को संबोधित करेंगे। पीएम भिक्षुओं को चीवर दान करेंगे। भापुस क्षेत्रीय निदेशक,मध्य क्षेत्र(भोपाल) पीके मिश्र, सारनाथ के अधीक्षण पुरातत्वविद अविनाश मोहंती, अभियंता अशोक कुमार,वरिष्ठ संरक्षण सहायक पीके तिवारी,उद्यान सहायक विनीत अग्रवाल,सीए शादाब खान,राजू पीटर आदि उपस्थित रहे।

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