Top Gorakhpur News, 08 August 2020: गोरखपुर में अब तक 2983 संक्रमित, जानें-आधे से ज्यादा नौजवान क्‍यों हुए संक्रमित

गोरखपुर-बस्‍ती में कोरोना संक्रमित मरीजों और मृतकों की संख्‍या दवाओं एवं अन्‍य व्‍यवस्‍थाओं के बारे में जानकारी के लिए पढ़ें जागरण डाट काम की खबरें।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 08:30 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 08:30 PM (IST)
Top Gorakhpur News, 08 August 2020: गोरखपुर में अब तक 2983 संक्रमित, जानें-आधे से ज्यादा नौजवान क्‍यों हुए संक्रमित
Top Gorakhpur News, 08 August 2020: गोरखपुर में अब तक 2983 संक्रमित, जानें-आधे से ज्यादा नौजवान क्‍यों हुए संक्रमित

रजनीश त्रिपाठी, गोरखपुर। यूं तो कोरोना किसी को नहीं बख्श रहा, मगर इसकी गिरफ्त में आए लोगों में युवा आधे से ज्यादा हैं। इनमें भी नई उम्र के ऐसे नौजवान अधिक हैं, जो लाख समझाने के बावजूद इस महामारी में भी बेफिक्र होकर घूम रहे हैं। यही वजह है कि संक्रमित 2983 मरीजों में युवाओं की संख्या तकरीबन 1800 है। शासन द्वारा वैक्टीरिया मारने की जिस दवा आइवरमेक्टिन की खुराक तय की गई है, वह स्वास्थ्य विभाग में पहले से उपलब्ध है। यह इंजेक्शन के रूप में भी बाजार में मौजूद है। यह हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों व उनकी देखरेख करने वाले स्वजन को एहतियात के तौर पर दी जाएगी। ताकि संक्रमण से बचा जा सके। शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच एक राहत भरी खबर है। अब 48 निजी अस्पतालों में कोरोना की जांच निश्शुल्क हो सकेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी को एंटीजन किट उपलब्ध करा दिया है। संतकबीर नगर जनपद के महुली थाना क्षेत्र के बसहिया गांव निवासी 55 वर्षीय अधिवक्‍ता अनिल यादव का शव पेड़ से लटका हुआ मिला। शव मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारवा। मौके का निरीक्षण करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। सिद्धार्थनगर जनपद के शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम परसा स्टेशन में सावित्री नामक एक महिला ने अपने दो मासूम बेटों को पोखरे में डुबो कर मार डाला है। मां की शिनाख्त पर दोनों के शव पोखरे से बाहर निकाले गए। मासूमों के नाम चार वर्षीय अमन और दो वर्षीय अखिलेश पुत्र हरिकिशन यादव है।

गोरखपुर में अब तक 2983 संक्रमित

यूं तो कोरोना किसी को नहीं बख्श रहा, मगर गोरखपुर में इसकी गिरफ्त में आए लोगों में युवा आधे से ज्यादा हैं। इनमें भी नई उम्र के ऐसे नौजवान अधिक हैं, जो लाख समझाने के बावजूद इस महामारी में भी बेफिक्र होकर घूम रहे हैं। यही वजह है कि संक्रमित 2983 मरीजों में युवाओं की संख्या तकरीबन 1800 है। संतोषजनक बात बस इतनी है कि मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता, उन्हें कोरोना से लडऩे में मदद कर रही है, जिसके चलते पॉजिटिव से निगेटिव होने की दर बेहतर है। आयु वर्ग के मुताबिक संक्रमित महिला और पुरुष मरीजों की संख्या दर्शाने वाला संख्‍या यह बताता है कि कोरोना के सर्वाधिक मरीज 21-40 साल की उम्र के हैं। अधेड़ होने जा रहे लोगों की संख्या भी उनसे कुछ ही कम है। बुजुर्गों का अनुभव और सतर्कता उनके काम आ रही है, जिसके चलते संक्रमण की दर उनमें नौ फीसद से कम है। सुखद पहलू बच्चों को लेकर है, क्योंकि संक्रमितों में उनकी भागीदारी तीन फीसद से भी कम है। बात पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की करें तो उनमें संक्रमण की दर एक तिहाई से कम है। संक्रमित कुल मरीजों में 67 फीसद अकेले पुरुष ही हैं।

बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. गणेश कुमार का कहना है कि इस ग्राफ से आप कोरोना संक्रमण का पूरा ट्रेंड समझ जाएंगे। आप देखेंगे कि वही वर्ग सर्वाधिक संक्रमित हुआ जो घर से बाहर निकला। महिलाएं कम निकलीं तो कम बीमार पड़ीं। किशोर उम्र के बच्चों को अभिभावकों ने घर पर रोक लिया तो वह भी कम संक्रमित हुए। मगर गैर जरूरी काम से भी बाहर निकलने वाला युवा और सतर्कता बरतने में लापरवाही करने वाला कामकाजी वर्ग सर्वाधिक संक्रमित हुआ। बुजुर्गों को देखिये, सतर्कता बरतते हुए वह घर से कम निकले तो युवाओं के मुकाबले संक्रमण से बचे रहे। ज्यादातर महिलाएं और बच्चे उसी युवा वर्ग ने संक्रमित हुए जो बाहर से संक्रमण लेकर घर आया और परिवार को बीमार किया। इसलिए बहुत जरूरी न हो तो बाहर न निकलें और जब निकलें तो पूरी सतर्कता बरतें। परिवार की सुरक्षा सिर्फ और सिर्फ आपके हाथ में है।

Coronavirus: बड़े काम का है यह टैैबलेट, कोरोना वार्डों में भेजने की तैयारी

शासन द्वारा वैक्टीरिया मारने की जिस दवा आइवरमेक्टिन की खुराक तय की गई है, वह स्वास्थ्य विभाग में पहले से उपलब्ध है। यह इंजेक्शन के रूप में भी बाजार में मौजूद है। यह हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों व उनकी देखरेख करने वाले स्वजन को एहतियात के तौर पर दी जाएगी। ताकि संक्रमण से बचा जा सके। महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. डीएस नेगी के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वार्डों में यह दवा भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।  इसके पहले कोरोना से बचाव के लिए मरीजों की देखरेख में लगे कर्मियों को हाइड्राक्सीक्लोरोक्विन दी जा रही थी। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि बिना लक्षण व हल्के लक्षण वाले मरीजों, होम आइसोलेशन में उनकी देखरेख कर रहे स्वजन व अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों को इसकी खुराक दी जाएगी। उन्‍होंने कहा कि बिना लक्षण वाले मरीजों के संपर्क में आने वालों को पहले व सातवें दिन 12 एमजी की दवा दी जाएगी। मरीजों की देखरेख में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को पहले सातवें व 30वें दिन एक बार यह दवा देने का निर्देश मिला है। हल्के लक्षण वाले मरीजों में पहले तीन एक बार रात्रि में भोजन के दो घंटे बाद 12 एमजी की दवा दी जाएगी। साथ ही एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लीन दो बार पांच दिन तक दी जाएगी। ये दोनों दवाएं गर्भवती को नहीं दी जाएंगी। आइवरमेक्टिन दो वर्ष से कम आयु के तथा डॉक्सीसाइक्लीन 12 वर्ष से कम आयु के बच्‍चों को नहीं दी जाएगी।

गोरखपुर में 48 निजी अस्पतालों में निश्शुल्क होगी Coronavirus की जांच 

गोरखपुर शहर में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच एक राहत भरी खबर है। अब 48 निजी अस्पतालों में कोरोना की जांच निश्शुल्क हो सकेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी को एंटीजन किट उपलब्ध करा दिया है। अस्पतालों के डॉक्टरों को शुक्रवार को सैंपल लेने व जांच करने की ट्रेनिंग भी दी गई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व जिला प्रशासन की बैठक में निजी अस्पतालों में एंटीजन किट से जांच कराने पर सहमति बनी थी। इसके बाद 48 निजी अस्पतालों का चयन किया गया, जिन्हें एंटीजन किट उपलब्ध करा दी गई है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोरोना के लक्षणों वाले मरीज आते हैं तो उनकी निश्शुल्क जांच की जाए। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया जाए। मुख्‍य चिकित्‍साधिकारी डा. श्रीकांत तिवारी ने बताया कि 48 अस्पतालों को एंटीजन किट से कोरोना जांच की अनुमति दी गई है। अब वहां जाने वाले मरीजों की वहीं निश्शुल्क जांच हो जाएगी। सभी को एंटीजन किट उपलब्ध करा दी गई है। ताकि वह जांच कर सकें। साथ ही सभी को निर्देश दिए गए हैं कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को हरहाल में दी जाए।

पेड़ से लटका मिला अधिवक्ता का शव

संतकबीर नगर जनपद के महुली थाना क्षेत्र के बसहिया गांव निवासी 55 वर्षीय अधिवक्‍ता अनिल यादव का शव पेड़ से लटका हुआ मिला। शव मिलने की सूचना से हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारवा। मौके का निरीक्षण करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फॉरेसिंक टीम ने घटना स्थल से नमूना लिया। ग्रामीण हत्या कर शव को लटकाने की आशंका व्यक्त कर रहे है। बसहिया गांव निवासी अनिल यादव खलीलाबाद दीवानी न्यायालय में वकालत करते थे। शनिवार की सुबह दस बजे अधिवक्‍ता के घर से पश्चिम सीवान में आम के पेड़ से रस्सी के फंदे से लटका हुआ शव गामीणों ने देखा। उसके बाद ग्रामीणों ने शोर मचाया।  तब स्‍वजन भी मौके पर पहुंच गए। फिर गांव के सभी के सभी लोग धीरे-धीरे इकट्ठा हो गए। अधिवक्‍ता के साले गोरखपुर जिला के खजनी थाना क्षेत्र के रुद्रपुर निवासी कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम को अनिल यादव से किसी बात को लेकर उनकी बहन‌ दीपा व भांजे अभिजीत से विवाद हो गया था। उस के बाद नाराज होकर अनिल यादव घर से निकल गए थे। इसकी जानकारी उनकी बहन ने मोबाइल पर दी थी। अनिल यादव के पुत्र अभिजीत कुमार ने बताया कि शुक्रवार की शाम से ही पिता परेशान से लग रहे थे। भोजन करने के बाद पिता ने उससे कुछ जरूरी  बात करने को कह रहे थे लेकिन नींद के कारण सुबह बात करने की बात कहते हुए महाविद्यालय में सोने चला गया था। उसके पिता रोज की  तरह शनिवार को भी टहलने निकले थे। अधिवक्‍ता अनिल यादव का बड़ा पुत्र अक्षय उर्फ अमरजीत बनारस में रहकर पीसीएस जे की तैयारी कर रहा है। परिजन भी मौत के कारणों से अनजान हैं। वकील अनिल यादव की मौत किस परिस्थिति में हुई, इसकी पुष्टि नही हो सकी। फॉरेंसिक टीम ने शव की स्थिति का जायजा लिया। सीओ अंबरीष भदौरिया, इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने पहुंचकर परिजनों से जानकारी ली। ग्रामीणों के सहयोग से शव को पेड़ से नीचे उतारा गया। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ग्रामीण हत्या कर शव को लटकाकर आत्महत्या का स्वरूप होने की बात कह रहे है। थानाध्यक्ष प्रदीप सिंह का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। इस बारे में अभी कुछ कहना जल्‍दबाजी होगी। घटना के संबंध में अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर तथा पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मां ने अपने दो मासूम बेटों को पोखरे में डूबो कर मार डाला

सिद्धार्थनगर जनपद के शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम परसा स्टेशन में सावित्री नामक एक महिला ने अपने दो मासूम बेटों को पोखरे में डुबो कर मार डाला है। मां की शिनाख्त पर दोनों के शव पोखरे से बाहर निकाले गए। मासूमों के नाम चार वर्षीय अमन और दो वर्षीय अखिलेश पुत्र हरिकिशन यादव है। शनिवार को दोनों के शव पीएम के लिए भेजा गया है। इस घटना से पूरा गांव सहम गया है। गांव के गोबर्धन यादव के तीन बेटों में मझले बेटे हरकिशन की शादी सात वर्ष पूर्व मानपुर निवासी टीहुल की बेटी सावित्री से हुई थी। छोटे बेटे की शादी अभी नहीं हुई है। परिवार के सभी सदस्‍य अभी एक ही में हैं। सभी बाहर रोजी रोटी के लिए काम करते हैं। कोरोना महामारी के चलते इस समय सभी घर पर ही है। गुरुवार की शाम को हरिकिशन की पत्‍नी सावित्री से सास व ननदों में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। उसके बाद सावित्री अपने दोनों मासूमों अमन और अखिलेश को लेकर घर से निकल गई। काफी देर तक घर न आने पर परिजन महिला के मायके व आसपास के गांव में खोजना शुरू किए। रात भर खोजे, लेकिन महिला का कहीं पता नहीं चला। वह दूसरे दिन यानी शुक्रवार दोपहर गांव के पूरब एक खेत में सावित्री अचेत अवस्था में मिली। सावित्री को उसी अवस्‍था में लेकर स्‍वजन शोहरतगढ़ के एक निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे। दवा के बाद होश में आने के बाद महिला ने बताया कि मासूमों को लेकर गांव के पूरब पोखरे में डूब कर जान देने गई थी। वहां पर दोनो बच्‍चों को पोखरे में फेंक दिया। जब दोनो बच्चे डूब गए। उसके बाद मैं भी पानी में चली गई। उसके बाद मौत के डर से घबरा गई। इसलिए पोखरे से निकल कर बाहर आ गए। पोखरे से निकलते ही अचेत होकर गिर गई। महिला के बताने पर परिजन व गांव के लोग शाम करीब सात बजे दोनों मासूमों का शव पोखरे से बाहर निकाले। इस संबंध में प्रभारी एसओ राम दरस आर्या ने बताया कि घटना की जानकारी होने पर पुलिस मौके पर गई थी। किसी की तरफ से कोई तहरीर नहीं मिली है। शव पीएम के लिए भेजा गया है।

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