रोजगार का दायरा बढ़ाने के लिए एमएमएमयूटी में बनाई जा रही है योजना Gorakhpur News
योजना का खाका तैयार करने के लिए कुलपति ने प्रो. केजी उपाध्याय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय आर्डिनेंस रिफार्म कमेटी का गठन किया है। कमेटी में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्यों प्रो. पीके सिंह प्रो. एसके सोनी प्रो. आरके चौहान और प्रो. सुनील श्रीवास्तव को शामिल किया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। डिग्री लेकर विद्यार्थियों को रोजगार के लिए भटकना न पड़े। रोजगार के बाजार में उन्हें पर्याप्त विकल्प मिल सके। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय इसके लिए तरह-तरह के जतन कर रहा है। ऐसे ही प्रयास के क्रम में विश्वविद्यालय प्रशासन अगले सत्र से विद्यार्थियों के लिए एक नई योजना लेकर आ रहा है। इस योजना के तहत बीटेक के हर विद्यार्थी को मेजर के साथ एक-एक माइनर कोर्स करने का विकल्प दिया जाएगा। यह कोर्स मेजर कोर्स से अलग ट्रेड का होगा।
पांच सदस्यीय कमेटी तैयार कर रही योजना का प्रारूप
योजना का खाका तैयार करने के लिए कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने प्रो. केजी उपाध्याय के नेतृत्व में पांच सदस्यीय आर्डिनेंस रिफार्म कमेटी का गठन किया है। कमेटी में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्यों प्रो. पीके सिंह, प्रो. एसके सोनी, प्रो. आरके चौहान और प्रो. सुनील श्रीवास्तव को शामिल किया गया है। प्रो. उपाध्याय ने योजना की प्रारंभिक जानकारी देते हुए बताया कि हर विभाग से एक-एक ऐसे माइनर कोर्स का खाका तैयार करने को कहा गया है, जिसकी आज की तारीख में रोजगार की दृष्टि से सर्वाधिक मांग हो। फिलहाल इस योजना का लाभ बीटेक विद्यार्थियों को दिया जाएगा। आगे चलकर इसे एमबीए, बीबीए, एमएसए आदि पाठ्यक्रमों पर भी लागू किया जाएगा। विश्वविद्यालय ने इस योजना को अगले सत्र यानी एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई है।
18 से 20 क्रेडिट के साथ अलग से मिलेगा सर्टिफिकेट
मेजर के साथ हर माइनर कोर्स करने के लिए विद्यार्थी को 18 से 20 क्रेडिट अलग से दिए जाएंगे। इस कोर्स के लिए उसे संबंधित विभाग में जाकर क्लास करना होगा। माइनर कोर्स का सर्टिफिकेट मूल डिग्री के साथ अलग से दिया जाएगा। माइनर कोर्स से जहां विद्यार्थियों को रोजगार के ज्यादा विकल्प मिलेंगे, वहीं अधिक आर्थिक पैकेज पर प्लेसमेंट मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी। फिलहाल विद्यार्थियों को एक ही माइनर कोर्स का विकल्प दिया जाएगा। योजना के सफल होने पर एक से अधिक माइनर कोर्स का विकल्प देने की संभावना भी तलाशी जाएगी।
नई शिक्षा नीति के तहत रोजगारपरक कोर्स उलब्ध कराने पर जोर
एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय के अनुसार नई शिक्षा नीति में विद्यार्थियों के लिए बाजार के मुताबिक रोजगारपरक कोर्स उपलब्ध कराने पर सरकार का जोर है। इसी क्रम में आइआइटी जैसे उ'च तकनीकी संस्थानों के तर्ज पर एमएमएमयूटी के विद्यार्थियों को भी मेजर के साथ-साथ माइनर कोर्स का विकल्प उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। 20 अप्रैल को बोर्ड की बैठक में इसे रखा जाएगा। अगले सत्र से विश्वविद्यालय के विद्यार्थियोंं को माइनर कोर्स का विकल्प मिलने लगेगा।