स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अनिवार्य रूप से नौ जांचों से गुजरना होगा
बिना नौ जांच के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने का नियम नहीं है। लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना जांच कराए लोगों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र धड़ल्ले से बनते रहे। इसकी शिकायत मिलने के बाद सीएमओ ने सभी जांच अनिवार्य कर दिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बिना नौ जांच के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाने का नियम नहीं है। लेकिन कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना जांच कराए लोगों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र धड़ल्ले से बनते रहे। इसकी शिकायत मिलने के बाद सीएमओ ने सभी जांच अनिवार्य कर दिया है। बिना जांच से गुजरे और डाक्टर की रिपोर्ट लगे बिना किसी का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र नहीं बनेगा।
करानी होंगी ये जांचें
इतना ही नहीं, अब जिसका स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनना है, उसे डाक्टर के समक्ष जांच रिपोर्ट सहित उपस्थित होना होगा। इसके बाद ही डाक्टर हस्ताक्षर करेंगे। इसके लिए आंख, हड्डी, सर्जन, फिजिशियन, मानसिक रोग विशेषज्ञ को दिखाने के बाद एक्सरे, ब्लड व ईसीजी जांच करानी होगी।
धनउगाही पर लगेगी रोक
कर्मचारी बिना जांच के लिए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाकर दे देते थे। फार्म स्वयं भरते थे। डाक्टर से हस्ताक्षर करा लेते थे। प्रमाण पत्र बन जाता था, उसे वे अपने रिकार्ड में भी दर्ज कर लेते थे, ताकि कागज में सब काम पूरा रहे। लेकिन हकीकत में न तो प्रमाण पत्र बनवाने वाला उपस्थित होता था और न ही उसकी कोई जांच होती थी। इसके लिए कर्मचारी भारी-भरकम धनराशि लेते थे। बनवाने वाले को भी ल्रंबी लाइन व जांचें कराने से छुटकारा मिल जाता था। यह बात संज्ञान में आने के बाद सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने निर्देश जारी कर दिया है कि अब बिना जांच कराए किसी का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र न बनाया जाए।
लग रही लंबी लाइन
अब सीएमओ कार्यालय व जिला अस्पताल में स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लंबी लाइन लग रही है। पहले जब किसी विभाग में नए बैच की ज्वाइनिंग होती थी, तभी लाइन लगती थी, सामान्य दिनों में लोग धीरे से अंदर जाकर प्रमाण पत्र बनवा लेते थे। व्यवस्था बदल जाने से लोगों को हर जगह लाइन लगानी पड़ रही है। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि बिना जांच के किसी का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र बनाना नियम विरुद्ध है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।