गोरखपुर शहर के तीन लाख घरों को मिलेगी निर्बाध बिजली, CM ने की है 118 करोड़ रुपये की मंजूरी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारेषण उपकेंद्र के लिए पहले ही 118 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया था। पारेषण उपकेंद्र बनने से 33 केवी के 25 उपकेंद्रों को निर्बाध आपूर्ति मिलेगी। इससे तकरीबन तीन लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 12:48 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 12:48 PM (IST)
गोरखपुर शहर के तीन लाख घरों को मिलेगी निर्बाध बिजली, CM ने की है 118 करोड़ रुपये की मंजूरी
गोरखपुर में बिजली से संबंधित फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। भविष्य के गोरखपुर शहर में बिजली की निर्बाध आपूर्ति की दिशा में बड़ा काम हुआ है। खोराबार में बनने वाले 220 केवी पारेषण उपकेंद्र के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने 8249 वर्गमीटर जमीन उपकेंद्र के नाम कर दी है। निर्माण शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारेषण उपकेंद्र के लिए पहले ही 118 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया था। पारेषण उपकेंद्र बनने से 33 केवी के 25 उपकेंद्रों को निर्बाध आपूर्ति मिलेगी। इससे तकरीबन तीन लाख उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा। जिले का यह तीसरा 220 केवी पारेषण उपकेंद्र है। पहले सिर्फ बरहुआ में ही इतनी क्षमता का पारेषण उपकेंद्र था। पिछले साल गोला बाजार में 220 केवी के पारेषण उपकेंद्र का मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया था।

जीआइएस तकनीक से बनेगा उपकेंद्र

खोराबार में पारेषण उपकेंद्र गैस इंसुलेटेड स्विचगियर (जीआइएस) तकनीक से बनेगा। इस तकनीक में कम जगह में उपकेंद्रों का आसानी से निर्माण हो जाता है। खोराबार में जगह की कमी को देखते हुए शासन ने नई तकनीक से उपकेंद्र बनाने की स्वीकृति दी थी। इस तकनीक से यह पूर्वांचल का पहला उपकेंद्र होगा।

पिछले साल अक्टूबर में मिला था तोहफा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल अक्टूबर में खोराबार में पारेषण उपकेंद्र और बिछिया व दिव्यनगर में उपकेंद्रों की स्थापना का तोहफा दिया था। बरहुआ पारेषण उपकेंद्र से खोराबार को जोड़ा जाएगा। शुरुआती दौर में तार ले जाने को लेकर कुछ विवाद था। बाद में इसका समाधान हो गया। उपकेंद्र तक आने वाली लाइन चार किलोमीटर रिहायसी इलाके से गुजरेगी। इसे देखते हुए दो किलोमीटर तक मोनोपोल और दो किलोमीटर अंडरग्राउंड केबिल बिछाकर आपूर्ति दी जाएगी।

73.94 लाख रुपये जमा

पारेषण के अधिशासी अभियंता राम सुरेश ने बताया कि जमीन की रजिस्ट्री के एवज में पारेषण की ओर से जीडीए के खाते में 64 लाख 58 हजार 20 रुपये स्टांप शुल्क व 93 हजार 6920 रुपये निबंधन शुल्क के रूप में जमा किए गए हैं। इस तरह 73 लाख 94 हजार 940 रुपये जमा किए गए हैं। पारेषण उपकेंद्र काम शुरू करा दिया गया है। इससे शहर में बढ़ रही मांग के सापेक्ष आपूर्ति देनी आसान हो जाएगी।

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