रेलवे में बुकिंग से पहले मोटरसाइकिल और स्कूटर की पैकिंग के नाम पर हो रही तीन सौ रुपये की वसूली

Railway News रेलवे प्रशासन ने मोटरसाइकिल स्कूटर और साइकिल की पैकिंग के लिए एक निजी एजेंसी नामित कर दी है। एजेंसी स्टाफ बाइक की पैकिंग के लिए 300 तथा साइकिल के लिए 100 रुपये ले रहे हैं। जबकि पहले पैकिंग 100 से 150 रुपये में ही हो जाती थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 10:19 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 10:19 AM (IST)
रेलवे में बुकिंग से पहले मोटरसाइकिल और स्कूटर की पैकिंग के नाम पर हो रही तीन सौ रुपये की वसूली
गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन पर बाइक को बुक कर ट्रेन से ले जाने के नाम अवैध वसूली हो रही है।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शनिवार को दोपहर दो बजे के आसपास। रेलवे स्टेशन के पश्चिमी छोर पर स्थित पार्सल दफ्तर। रेल उपभोक्ता चंद्र प्रकाश और मुकेश हाथ में रसीद लेकर बार-बार अपना पर्स चेक कर रहे थे। पूछने पर बताने लगे, देख रहे हैं बुकिंग के लिए पैसा है कि नहीं। बुकिंग से पहले मोटरसाइकिल की पैकिंग में ही 300 रुपये लग जा रहे। दिल्ली के लिए बुक कराने में भी 1300 देने पड़ेंगे। पास ही खड़े संतोष ने कहा, रेलवे की कमाई तो बढ़ ही गई है। भले ही उपभोक्ता और मजदूर ठगे जा रहे हैं।

पैकिंग के लिए रेलवे प्रशासन ने नामित की निजी एजेंसी, मजदूरों की छिनी रोजी-रोटी

दरअसल, रेलवे प्रशासन ने मोटरसाइकिल, स्कूटर और साइकिल की पैकिंग के लिए एक निजी एजेंसी नामित कर दी है। एजेंसी स्टाफ मोटरसाइकिल और स्कूल की पैकिंग के लिए 300 तथा साइकिल के लिए 100 रुपये ले रहे हैं। जबकि पहले पैकिंग 100 से 150 रुपये में ही हो जाती थी। यही नहीं पैकिंग की रसीद दिखाने के बाद ही मोटरसाइकिल, स्कूटर और साइकिल की बुकिंग हो रही है। यानी, एजेंसी की पैकिंग अनिवार्य है। एजेंसी के आ जाने से 15 से 20 मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है। बातचीत में रामसकल बताने लगे। एक तो पार्सल बुक नहीं हो रहे। ऊपर से पैकिंग के नाम पर कुछ कमाई हो जाती थी, रेलवे ने उसे भी बंद कर दिया। हम कहीं के नहीं रह गए हैं। प्लेटफार्मों पर पार्सल पहुंचाने तथा मोटरसाइकिल की पैकिंग के नाम पर हो रही धन उगाही के खिलाफ एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता ने मोर्चा खोल दिया है। उनका कहना है कि प्रकरण को महाप्रबंधक के सामने रखा जाएगा। दस दिन में समाधान नहीं हुआ तो मामला रेलवे बोर्ड तक पहुंचेगा। आंदोलन भी होगा।

पहले 100 से 150 रुपये में मोटरसाइकिल की पैकिंग हो जाती थी। अब 300 देना पड़ रहा। मुंबई के लिए मोटरसाइकिल बुक कराया हूं। उसका किराया भी करीब तीन हजार रुपये लग गया है। एक तो बुकिंग का किराया महंगा है। ऊपर से पैकिंग के नाम पर वसूली ज्यादती है। - मनोज कुमार, रेल उपभोक्ता

पार्सल की ढुलाई व मोटरसाइकिल पैकिंग कर कुछ कमा लेते थे। अब सामानों की बुकिंग कम होने लगी है। मोटरसाइकिल की पैकिंग कंपनी के लोग करने लगे हैं। पूरा जीवन पार्सल घर में बीत गया। अब इस उम्र में मजदूरी करने कहां जाएं। हमारे जैसे मजदूर कहीं के नहीं रह गए हैं। - राजेश, पैकिंग करने वाले मजदूर।

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