गोरखपुर में रिश्वत मांगने वाले तीन कर्मचारी सस्पेंड, सहायक आयुक्त के खिलाफ बैठी जांच Gorakhpur News
गोरखपुर-बस्ती मंडल के सहायक आयुक्त अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि तीन कर्मचारियों के निलंबन और सहायक आयुक्त के निदेशालय से संबद्ध होने का आदेश प्राप्त हुआ है कार्रवाई की जा रही है
गोरखपुर, जेएनएन। जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के तीन कर्मचारियों को रिश्वत मांगने के आरोप में निलंबित करने का आदेश जारी हो गया है। उनकी कारस्तानी पर सतही और दिखावटी कार्रवाई करने के मामले में तत्कालीन प्रभारी उपायुक्त पूजा को निदेशालय से संबद्ध करते हुए उनके कार्यकाल की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है। आयुक्त एवं निदेशक उद्योग ने कमेटी को तीन दिन में रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा है।
निदेशालय तक पहुंचा मामला तब हुई कार्रवाई
एक स्टिंग आपरेशन में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से लेकर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में लाभार्थी बनाने और सरकार की तरफ से दी जाने वाली सब्सिडी में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ था। इस मामले में जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र, गोरखपुर में तैनात वरिष्ठ सहायक राम लखन, अफजल जया तथा कनिष्ठ सहायक हरिमोहन श्रीवास्तव पर आरोप लगे थे। मामला निदेशालय के संज्ञान में आया तो आयुक्त एवं निदेशक गौरव दयाल ने तीनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। आरोप है कि प्रभारी उपायुक्त का कार्यभार देख रही सहायक आयुक्त उद्योग पूजा ने इस पूरे मामले का वीडियो वायरल होने के बावजूद आरोपियों पर प्रभावी कार्रवाई करने की बजाय दिखावटी और सतही कार्रवाई की। आयुक्त एवं निदेशक उद्योग ने सहायक आयुक्त पूजा को उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय कानपुर से संबद्ध करने का आदेश दिया है।
पूरे कार्यकाल की होगी जांच
आयुक्त एवं निदेशक गौरव दयाल ने संयुक्त आयुक्त उद्योग अयोध्या मंडल एवं राजकुमार वर्मा उपायुक्त उद्योग गोरखपुर को जांच अधिकारी नामित करते हुए तीन दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि प्रभारी उपायुक्त उद्योग रहीं पूजा के कार्यकाल की जांचकर रिपोर्ट प्रेषित की जाए।
दो सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट पर होगी कार्रवाई
गोरखपुर-बस्ती मंडल के सहायक आयुक्त अभिषेक त्रिपाठी का कहना है कि तीन कर्मचारियों के निलंबन और सहायक आयुक्त के निदेशालय से संबद्ध होने का आदेश प्राप्त हुआ है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है। दो सदस्यीय कमेटी अपनी जांच पूरी कर निदेशालय को रिपोर्ट भेजेगी।