गोरखपुर शहर में जलभराव रोकने के लिए कमिश्नर ने तीन विभागों को लगाया
मेडिकल कालेज रोड पर नाला बनने के बाद आसपास की कालोनियों में बारिश के बाद जलभराव होने लगा है। निराकरण के लिए मंडलायुक्त ने तीन विभागों की संयुक्त टीम बनाई है। टीम ने नालों का लेवल मिलाने के लिए काम शुरू कर दिया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मेडिकल कालेज रोड के किनारे विकसित कालोनियों में जलभराव की समस्या के निराकरण के लिए मंडलायुक्त ने तीन विभागों की संयुक्त टीम बनाई है। इस टीम ने मुख्य नाला एवं कालोनियों से निकलने वाले नालों का लेवल मिलाने के लिए काम शुरू कर दिया है। कई स्थानों से मुख्य नाले को तोड़ा भी जाएगा।
मेडिकल कालेज रोड की कालोनियों में जलभराव
मेडिकल कालेज रोड पर नाला बनने के बाद आसपास की कालोनियों में बारिश के बाद जलभराव होने लगा है। पहले जहां इधर की कालोनियों में पानी मुश्किल से लगता था वहीं अब कई दिनों तक लोगों को जलभराव से परेशान रहना पड़ता है। कुछ कालोनियों में तो नाव चलाने की भी नौबत आ गई। मुख्य नाला पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाया गया है। नगर निगम एवं पीडब्ल्यूडी के अभियंता एक-दूसरे को गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार ठहराते रहते हैं।
मंडलायुक्त ने तीनों विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर इस समस्या के निराकरण के लिए कहा था। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को फटकार भी लगी थी। पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं ने मानचित्र प्रस्तुत करते हुए मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी को बताया था कि उनके स्तर से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है। नाले का लेवल मिलाने की जिम्मेदारी नगर निगम की थी। नगर निगम की ओर से कहा गया कि उन्हें जानकारी दिए बिना नाला बनाया गया। जल निगम को वहां पाइप डालना था। जल निगम के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने अपना काम ठीक से किया है। सभी के दावों के बीच आम लोगों को समस्या झेलनी पड़ी है। मंडलायुक्त ने भी फिलहाल लोगों को जलभराव से मुक्ति दिलाने पर फोकस किया है। उनके सख्त रुख अपनाने के बाद नाले को तोड़कर लेवल मिलाया जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही संयुक्त टीम अपनी रिपोर्ट देगी। मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी ने बताया कि मेडिकल कालेज रोड के किनारे बसी कालोनियों के लोगों को जलभराव की समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा।
नगर आयुक्त के सामने रोने लगे बुजुर्ग
भेडिय़ागढ़ वार्ड के विष्णुपुरम कालोनी में निरीक्षण करने पहुंचे नगर आयुक्त अविनाश सिंह के सामने राजन श्रीवास्तव नाम के बुजुर्ग हाथ जोड़कर पहुंच गए। रोते हुए बताया कि बारिश का पानी घर में घुस जाने के कारण 21 लाख रुपये की दवाएं खराब हो गई हैं। बुजुर्ग को रोता देख नगर आयुक्त खुद भी असहज हो गए। उन्होंने नगर निगम के अफसरों को निर्देश दिए कि किसी भी हाल में शाम तक पानी घर से निकालें। इसके बाद पंपिंग सेट लगाया गया।