लंबे समय से अनुपस्थित रहने वाले तीन सिपाही किए गए बर्खास्त
देवरिया जिले में लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले तीन सिपाहियों को एसपी ने बर्खास्त कर दिया। इस सभी को कई बार विभाग से नोटिस दी गई लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले में लंबे समय से ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले तीन सिपाहियों को एसपी ने बर्खास्त कर दिया। इस सभी को कई बार विभाग से नोटिस दी गई लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। अयोध्या जनपद के थाना बीकापुर ग्राम मुमारिज नगर के रहने वाले रिक्रूट सिपाही शिवनाथ मौर्य एक सितंबर 2016 से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे थे। इसी तरह महराजगंज जिले के भैंसी के रहने वाले अनिल वर्मा भी 19 दिसंबर 2016 से अनुपस्थित थे। जबकि सिद्धार्थनगर जिले के शेखनगर गोबरहवां बाजार के रहने वाले मोहम्मद सुहेल सिद्दीकी 25 मार्च 2012 से अनुपस्थित चल रहे थे। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई।
विभागीय नियम के तहत की गई कार्रवाई
बर्खास्त तीन सिपाहियों में से एक सिपाही के बारे में नौकरी करने की जानकारी मिली है। दो अन्य व्यक्तिगत कारण ने नौकरी करने नहीं आए। एसपी डा. श्रीपति मिश्र ने बताया कि तीन सिपाही काफी लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे थे। इनको विभाग से कई बार नोटिस दी गई तथा अंतिम अवसर भी दिया गया, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं दिया गया। आखिर में विभागीय नियम के तहत तीनों सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया।
टिकट दलाल को आरपीएफ ने किया गिरफ्तार
सीआइबी व रेलवे सुरक्षा बल ने संयुक्त छापेमारी कर टिकट दलाल को गिरफ्तार किया। उसके पास से ई-टिकट, उपकरण व रुपये बरामद किए गए। गिरफ्तार युवक बरहज के हरनौठा गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट पर मुकदमा दर्जकर वाराणसी जेल भेज दिया गया। सीआइबी भटनी के प्रभारी व रेलवे सुरक्षा बल भटनी को सूचना मिली कि बरहज थाना क्षेत्र के हरनौठा चौराहे पर अंकित कंप्यूटर नामक दुकान के संंचालक रतन तिवारी आइआरसीटीसी का फर्जी आइडी बनाकर रेलवे ई-टिकट बुककर अवैध रूप से कारोबार कर रहा है। सूचना पर टीम ने छापेमारी की और संचालक रतन तिवारी को गिरफ्तार कर लिया। उसके मोबाइल व लैपटाप की जांच करने पर आइआरसीटीसी के आइडी से दस टिकट बुक करने की पुष्टि हुई। साथ ही ई-टिकट बरामद हुआ, जिसकी कीमत 8415 रुपये था। इसके अलावा टिकट बनाने में प्रयुक्त लैबटाप, नकदी 380 रुपये व दो मोबाइल जब्त किया गया।
प्रति टिकट कमाता था 200 से 400 रुपये
आरपीएफ के मुताबिक प्रति टिकट वह 200 से 400 रुपये कमाता था। टीम में सीआइबी प्रभारी अरविंद यादव, सहायक उपनिरीक्षक दिलीप कुमार सिंह, सुनील यादव, अमित सिंह, उपनिरीक्षक संजय कुमार राय, सहायक उपनिरीक्षक मिथिलेश शुक्ल, प्रताप सिंह, सहायक उपनिरीक्षक राजाराम पांडेय, वीरेंद्र यादव, आलोक सिंह शामिल रहे।