16 लाख का सैलरी पैकेज पाने वालों ने बताई सफलता की कहानी, कहा-कुशल इंजीनियर खोजती हैं कंपनियां Gorakhpur News

न्यूक्लीआइ साफ्टवेयर लिमिटेड की तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया में खरा उतरने वाले छात्र अर्जुन सिंह ने अपनी सफलता के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किसी भी टापिक पर सवाल उठाने वाली उनकी प्रवृत्ति कैंपस इंटरव्यू के दौरान काफी काम आई।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 04:27 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 04:27 PM (IST)
16 लाख का सैलरी पैकेज पाने वालों ने बताई सफलता की कहानी, कहा-कुशल इंजीनियर खोजती हैं कंपनियां Gorakhpur News
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भवन का फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। अपनी पढ़ाई को इंडस्ट्री की मांग पर खरा उतारना है तो सिर्फ पाठ्यक्रम तक सिमटे रहना पर्याप्त नहीं होगा, इसे लेकर हो रहे बदलाव पर निरंतर नजर रखनी होगी। पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले विषयों को कनेक्ट करके पढऩा होगा। ऐसा इसलिए कि इंडस्ट्री में कार्य करने के दौरान आने वाली समस्याएं विषयवार नहीं बल्कि समग्र होंगी। कोई भी कंपनी मेधावी छात्र नहीं बल्कि कुशल इंजीनियर खोजती है। यह कहानी मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कंप्यूटर इंजीनियङ्क्षरग विभाग के उन चार छात्रों की है, जिन्होंने बीते दिनों कैंपस इंटरव्यू के दौरान 16-16 लाख का सैलरी पैकेज हासिल किया।

छात्रों ने सफलता के अनुभव को किया साझा

न्यूक्लीआइ साफ्टवेयर लिमिटेड की तीन स्तरीय चयन प्रक्रिया में खरा उतरने वाले छात्र अर्जुन सिंह ने अपनी सफलता के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किसी भी टापिक पर सवाल उठाने वाली उनकी प्रवृत्ति कैंपस इंटरव्यू के दौरान काफी काम आई। क्योंकि कंपनी के प्लेसमेंट सेल के लोग भी यही खोज रहे थे। जितने सवाल उनके मन में पढ़ाई के दौरान उठे थे, वही सवाल कंपनी के प्लेसमेंट अधिकारी की ओर से भी उठे। लिहाजा उन्हें जवाब देने में दिक्कत नहीं आई।

विषयों को समग्रता से समझने वाले को ही मौका

एक अन्य सफल छात्र तन्मय शुक्ल ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के दौरान उन्होंने विषयों को कनेक्ट करके पढ़ा। कंपनी की अधिकारी भी इसी समझ की डिमांड कर रहे थे। ऐसा इसलिए कि काम के दौरान आने वाली समस्या विषयवार नहीं बल्कि समग्र होती है। विषयों को समग्रता से समझने वाला छात्र ही कंपनी की समस्या का आसानी से समाधान कर सकता है।

तीसरे सफल छात्र आयुष निषाद ने बताया कि तीन राउंड की सेलेक्शन प्रक्रिया के दौरान कंपनी के प्लेसमेंट अधिकारी यह जानने की कोशिश करते रहे कि हम विषय के अद्यतन प्रयोगों से अपडेट हैं या नहीं। पढ़ाई के इस दौरान हर टापिक पर दुनिया में चल रहे प्रयोग और शोध पर नजर रखने की मेरी प्रवृत्ति इंटरव्यू के दौरान काम आई, तभी मैं कंपनी के मानक पर खरा उतर सका। चौथे छात्र स्नेहिल अग्रवाल ने बताया कि कंपनी से अपने लिए अधिक से अधिक पैसे निकलवाने के लिए उसकी कार्पोरेट मांग पर खरा उतरना होगा। यह मांग एक दिन में पूरी नहीं की जा सकती। इसके लिए पढ़ाई के दौरान पूरे चार वर्ष हर टापिक को औद्योगिक मांग के मुताबिक अपडेट करके पढऩा होगा।

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