सावधान हो जाएं ! ट्रेन आपसे मात्र दस किलाेमीटर की दूरी पर है

रेलवे ने गैंगमैनों की सुरक्षा के लिए रेलवे प्रशासन ने नई प्रणाली विकसित की है। इससे दस किलोमीटर की दूरी से ही ट्रेनों के आने का पता चल जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 01:38 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 05:08 PM (IST)
सावधान हो जाएं ! ट्रेन आपसे मात्र दस किलाेमीटर की दूरी पर है
सावधान हो जाएं ! ट्रेन आपसे मात्र दस किलाेमीटर की दूरी पर है

गोरखपुर, (प्रेम नारायण द्विवेदी)। अब रेल लाइनों पर रेलकर्मी (गैंगमैन- ट्रैकमैन, प्वाइंटमैन, की मैन आदि) दुर्घटनाग्रस्त नहीं होंगे। उनकी सुरक्षा रेलवे का अति आधुनिक उपकरण रक्षक करेगा। 10 किमी रेल लाइन परिधि के अंदर किसी भी ट्रेन के प्रवेश करते ही यह उपकरण रेल लाइनों पर कार्य कर रहे गैंगमैनों को सतर्क कर देगा। वे समय रहते पटरी से किनारे हो जाएंगे।

रेलवे प्रशासन रेल लाइनों पर कार्य करने वाले सभी गैंगमैनों के हेड (मेठ) को रक्षक नाम का अति आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराएगा। यह उपकरण भी हेंड हेल्ड सेट (वाकी-टाकी) की तरह होंगे, जिसे मेठ अपने पास अनिवार्य रूप से रखेंगे। विभागीय जानकारों के अनुसार यह उपकरण सिग्नलिंग सिस्टम से सीधे जुड़ा रहेगा। जो स्टेशन मास्टर कार्यालय में लगे ट्रांसमीटर से संचालित होगा। प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन को जैसे ही आगे बढऩे का ग्रीन सिग्नल मिलेगा, रेल लाइन पर उपस्थित मेठ के पास मौजूद रक्षक उपकरण को संदेश मिल जाएगा। ट्रेन के चलते ही उपकरण से बीप की आवाज आएगी। इसके साथ ही रेलकर्मी सजग हो जाएंगे। ट्रेन जैसे-जैसे नजदीक आती जाएगी, उपकरण गैंगमैनों को अपनी आवाज से और सतर्क करता जाएगा।

दरअसल, रेल लाइनों पर मरम्मत आदि का कार्य करने वाले गैंगमैनों के साथ हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। दुर्घटना के मामले भी प्रकाश में आते रहते हैं। कार्य के दौरान पता ही नहीं चलता और ट्रेन गुजर जाती है। ऐसे में रेलकर्मी दुर्घटना के शिकार भी होते रहते हैं। अब यह उपकरण दुर्घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने का कार्य करेगा।

6 स्टेशनों पर सुरक्षा प्रदान कर रहा रक्षक
इस महत्वाकांक्षी उपकरण का इजाद रेलवे का अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ, लखनऊ) ने किया है। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ मंडल में बुढ़वल- कोलोनेलगंज रेल मार्ग के 6 स्टेशनों पर इस उपकरण का उपयोग कर रहा है। फिलहाल यह उपकरण उपयोगी साबित हो रहा है। जल्द ही इस उपकरण का उपयोग भारतीय रेलवे के अन्य रेलमार्गों पर शुरू हो जाएगा।

कर्मचारियों को सतर्क करेगा यह उपकरण
पूर्वोत्‍तर रेलवे के सीपीआरओ संजय यादव ने बताया कि प्रयोग के आधार पर उपकरण का उपयोग किया जा रहा है। आने वाले दिनों में सभी रेल मार्गों पर इसका उपयोग किया जाएगा। यह उपकरण रेल लाइनों पर कार्य करने वाले कर्मियों को सतर्क करता रहेगा। इससे रेल यातायात और संरक्षित होगी।

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