World Heart Day 2020: दिल के मरीजों के लिए खतरनाक है यह समय, यह बरतें सावधानी
World Heart Day 2020 तनाव हृदयघात के प्रमुख कारणों में से एक है। दिल के 90 फीसद मरीज तनाव के कारण परेशान हैं। वह नियमित दवा खाकर और अपने खानपान पर ध्यान रखकर बीपी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। हृदय के रोगी थोड़ी सी सावधानी बरत कर पूरी तरह से सामान्य जीवन जी सकते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर श्रीकांत तिवारी के अनुसार दिल के 90 फीसद मरीज तनाव के कारण परेशान हैं। कोरोना काल के दौरान घर में रहते-रहते तनाव हो जाना स्वाभाविक है। दिल के मरीजों के लिए यह दौर बहुत चुनौतीपूर्ण है। मरीज नियमित दवा खाते रहें और अपनी पुरानी दिनचर्या पर कायम रहें। इससे उन्हें नई परेशानी से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। रक्तचाप की जांच करवाते रहें। परेशानी होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोग अलग-अलग वजहों से तनाव में हैं। दिल के 90 फीसद मरीज भी तनाव के कारण परेशान हैं। वह नियमित दवा खाकर और अपने खानपान पर ध्यान रखकर बीपी को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।
हृदयघात के प्रमुख कारणों में तनाव
चिकित्सकों के मुताबिक तनाव हृदयघात के प्रमुख कारणों में से एक है। वर्तमान में सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक, राजनीतिक, जातिगत आदि भेदभाव के साथ ही गांव से शहर जाने वालों व गांव में रहने वालों, देश के बाहर जाने वालों और देश में रहने वालों, कोरोना पॉजिटिव तथा सामान्य लोगों के बीच भेद बढ़ा है। इससे समाज में तनाव का स्तर भी बढ़ रहा है। यह केवल भारत तक ही सीमित नहीं, अन्य देशों की भी यही दशा है। इसे कम करने के लिए डब्ल्यूएचओ ने विश्व हृदय दिवस की थीम 'अपने दिल का उपयोग समाज, चाहने वालों और स्वयं के लिए करें' रखी है। तनाव कम करने का जिम्मा सरकार संग समाज व नागरिकों का भी है।
हृदय रोग के कारण
हाइपरटेंशन
डायबिटीज
अत्यधिक तनाव
अधिक धूमपान
मोटापा
वसायुक्त भोजन
ऐसे करें बचाव
हार्ट के मरीज ज्यादा भारी काम न करें।
डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज को शुगर तथा ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें।
एक सप्ताह में कम से कम पांच दिन व्यायाम जरूर करें।
तंबाकू का सेवन न करें।
हृदय रोगियों के लिए इस वक्त सबसे जरूरी दो ही चीजें हैं। आप लोग घर पर रहें और शारीरिक दूरी का ध्यान रखें।
परिवार के साथ समय बिताएं और तनाव मुक्त रहें।
ऐसी रखें अपनी दिनचर्या
कोरोना काल का अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि आप अपनी नियमित दिनचर्या बिगाड़ लें। अपनी दिनचर्या और सोने-जागने का समय वैसे ही रखें, जैसे पहले था।
शरीर को आराम दें और पूरी नींद लें। दवाइयों के प्रति लापरवाही न बरतें। क्योंकि अगर आपका सोने-जागने का वक्त बदलता है तो खाने का वक्त भी बदल जाता है, ऐसे में दवाइयां भी समय पर नहीं ले पाते।
शारीरिक तौर पर सक्रिय रहें। घर में योग और कसरत करें।