UP Board: गोरखपुर में इस बार घट गए छह हजार परीक्षार्थी
कोरोना के कारण इस तमाम बच्चे फार्म भरने से छूट गए हैं। हालांकि बोर्ड ने प्रधानाचार्यों को चेतावनी भी दी थी कि यदि फार्म भरने से कोई छात्र छूट जाता है तो इसके लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे।
गोरखपुर, जेएरनएन। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार छह हजार परीक्षार्थी कम बैठेंगे। कोरोना के कारण बोर्ड द्वारा तीन बार परीक्षाफार्म भरने की तिथि बढ़ाए जाने के बाद भी परीक्षार्थियों की संख्या में गिरावट आई है। हाईस्कूल की परीक्षा में जहां 4809 और इंटरमीडिएट के लिए 1247 छात्र-छात्राओं ने कम फार्म भरे हैं। इस प्रकार कुल 6056 ने छात्र-छात्राओं ने कम फार्म भरे हैं। इनमें संस्थागत व व्यक्तिगत दोनों प्रकार के परीक्षार्थी शामिल हैं।
पिछले वर्ष की तुलना में परीक्षार्थियों की संख्या में दर्ज की गई गिरावट
कोरोना के मद्देनजर इस बार बोर्ड द्वारा तीन बार बोर्ड परीक्षा फार्म भरने की तिथि बढ़ाई जा चुकी है। बावजूद इसके तमाम बच्चे फार्म भरने से छूट गए हैं। हालांकि बोर्ड ने प्रधानाचार्यों को चेतावनी भी दी थी कि यदि फार्म भरने से कोई छात्र छूट जाता है तो इसके लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे। बोर्ड की चेतावनी के बाद प्रधानाचार्यों ने फार्म भरवाने को लेकर रुचि भी दिखाई। बावजूद इसके तमाम छात्र फार्म भरने से वंचित रह गए।
संस्थागत ही नहीं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की भी घटी संख्या
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार संस्थागत ही नहीं व्यक्तिगत परीक्षार्थियों की संख्या भी घटी है। वर्ष 2020 की बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल में 273 और इंटर में 1162 छात्र-छात्राओं ने फार्म भरे थे। जबकि वर्ष 2021 में हाईस्कूल में 237 व इंटर में 1114 छात्र-छात्राओं द्वारा फार्म भरे गए हैं।
जनपद में कुल स्कूल : 485
राजकीय विद्यालय: 20
एडेड विद्यालय : 117
स्ववित्त पोषित विद्यालय: 358
वर्ष दसवीं बारहवीं
2020 78908 68704
2021 73862 67457
अंतर - 4809 1247
कुल अंतर : 6056
पिछले वर्ष की तुलना में इस बार हाईस्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षा में 6056 परीक्षार्थी कम शामिल होंगे। कोरोना के कारण परीक्षार्थियों की संख्या में गिरावट आई है। हालांकि बोर्ड को पहली बार फार्म भरने के लिए तीन बार तिथियां बढ़ानी पड़ी। बावजूद इसके परीक्षार्थियों की संख्या नहीं बढ़ सकी। - ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया, डीआइओएस