जान ले लेगी कोरोना वायरस की यह जांच, लक्षण के आधार पर शुरू करें इलाज
लक्षणों को देखकर जांच कराने पर जिस विधि से रिपोर्ट निगेटिव आ रही है इलाज के बाद उसी विधि से रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है। ऐसे में आम आदमी परेशान है। वह समझ नहीं पा रहा कि खुद को निगेटिव मानें या पाजिटिव।
गोरखपुर, जेएनएन।
केस एक : रुस्तमपुर के 50 वर्षीय व्यक्ति की 14 दिन पूर्व एंटीजन से रिपोर्ट पाजिटिव आई थी और आरटीपीसीआर से निगेटिव। जबकि उनमें कोरोना के लक्षण भरपूर थे। इलाज के बाद लक्षण काफी हद तक कम हाे गए। 10 दिन बाद एंजीटन रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई लेकिन उसके तीन दिन बाद आरटीपीसीआर रिपोर्ट पाजिटिव आई। अब वह समझ नहीं पा रहे कि खुद को निगेटिव मानें या पाजिटिव।
केस दो : बेतियाहाता के 45 वर्षीय व्यक्ति को सर्दी-खांसी, जुकाम है। सोकर सुबह उठते हैं तो गला बैठा रहता है। आवाज बदल गई है। पूरे बदन में दर्द है। कमजोरी महसूस हो रही है। उन्होंने एक सप्ताह पूर्व जांच कराई तो एंटीजन व आरटीपीसीआर दोनों रिपोर्ट निगेटिव आई। लेकिन डाक्टर लक्षणों के आधार पर उनका कोरोना का इलाज कर रहे हैं। वह घर पर आइसोलेट हैं और खुद को पाजिटिव मानकर सतर्कता बरत रहे हैं।
दोनों स्वरूप के कारण कोरोना अबूझ बन गया है। लक्षणों को देखकर जांच कराने पर जिस विधि से रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, इलाज के बाद उसी विधि से रिपोर्ट पाजिटिव आ रही है। ऐसे में आम आदमी परेशान है। वह समझ नहीं पा रहा कि खुद को निगेटिव मानें या पाजिटिव। कुछ मामलों में एंटीजन व रीयल टाइम पालीमरेज चेन रियेक्शन (आरटीपीसीआर) दोनों जांचें धोखा खा रही हैं। अब तक 50 से अधिक ऐसे मामले मिले हैं जिनकी दोनों से रिपोर्ट निगेटिव आई लेकिन उनमें कोरोना के गंभीर लक्षण हैं। ऐसे मरीजों के लिए बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में अलग वार्ड बनाकर उनका लक्षणों के आधार पर कोरोना का ही इलाज किया जा रहा है।
किसी की दोनों से रिपोर्ट निगेटिव लेकिन लक्षण अति गंभीर
आम आदमी के सामने कोरोना के बदले स्वरूप ने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अध्ययन के बाद ही कुछ कहा जा सकता है, हालांकि इतना तय है कि कोरोना के स्वरूप में बदलाव आने से ये दिक्कतें आ रही हैं। जब एंटीजन से पाजिटिव व आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ रही थी तो विशेषज्ञों ने कहा था कि एंटीजन कोरोना के बाहरी सतह को पकड़ती है, बाहरी सतह में कोई बदलाव न होने से उसकी रिपोर्ट सही मानी जाए।
आरटीपीसीआर से कोरोना के जीन की जांच होती है। जीन में बदलाव हो जाने से यह वायरस पकड़ में नहीं आ रहा है। जब उसी व्यक्ति की एंटीजन निगेटिव और आरटीपीसीआर पाजिटिव आ गई तो यह बात विशेषज्ञों की समझ से भी बाहर हो गई। उनका कहना है कि अभी कुछ कहना जल्दीबादी होगी। लेकिन इतना तो तय है कि कोरोना के स्वरूप में बदलाव के चलते यह दिक्कतें आ रही हैं।
जांच के चक्कर में न पड़ें, लक्षणों के आधार पर कराएं इलाज
जांच के चक्कर में न पड़े। एंटीजन या आरटीपीसीआर किसी से भी रिपोर्ट पाजिटिव आए या दोनों से निगेटिव आए और लक्षण कोरोना के हों, तो सतर्कता बरतते हए इलाज शुरू करा दें। कभी-कभी सैंपलिंग ठीक से न होने के चलते भी रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है। फिलहाल इन दिक्कतों के बारे में अभी प्रामाणिक रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता। यह अध्ययन का विषय है। - डा. अमरेश सिंह, अध्यक्ष, माइक्रोबायोलाजी विभाग, बाबा राघव दास मेडिकल कालेज।