जायका लेना हो तो गोरखपुर के शर्मा की चाट की दुकान पर आइए Gorakhpur News
दुकान की लोकप्रियता को उसकी लोकेशन से भी आंका जा सकता है। विजय चौराहे से सुमेर सागर जाने वाली सड़क पर करीब 100 मीटर जाने के बाद बाएं हाथ पर मौजूद कांप्लेक्स में मौजूद है।
गोरखपुर, जेएनएन। यूं तो शहर में चाट-फुल्की की बहुत सी दुकानें हैं, लेकिन उनमें शर्मा चाट की अपनी अलग ही पहचान है। यहां की चाट का स्वाद लोगों की जुबां पर कुछ तरह चढ़ चुका है कि शहर ही नहीं आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी इसके शौकीनों की लंबी फेहरिस्त है। शाम चार बजे से लेकर रात नौ बजे तक चाट खाने के लिए वहां उमडऩे वाली ग्राहकों की भीड़ इसकी तस्दीक है।
यहां पर है दुकान
दुकान की लोकप्रियता को उसकी लोकेशन से भी आंका जा सकता है। विजय चौराहे से सुमेर सागर जाने वाली सड़क पर करीब 100 मीटर जाने के बाद बाएं हाथ पर मौजूद कांप्लेक्स को देखकर कोई भी यह नहीं समझ सकता कि उसमें चाट की दुकान की भी गुंजाइश है। दरअसल पूरा कांप्लेक्स ऑटोमोबाइल के नाम समर्पित है। बावजूद इसके वह कांप्लेक्स शर्मा चाट के नाम से भी मशहूर हो चुका है।
मामा की सलाह काम आई
शर्मा चाट को इतनी लोकप्रियता कैसे मिली? इसे लेकर जब दुकान चलाने वाले विजय शर्मा से बात हुई तो उन्होंने संघर्ष से सफलता की कहानी बयां की। बताया कि 25 वर्ष पहले जब वह और उनके छोटे भाई अजय शर्मा पढ़-लिखकर बेरोजगारी का दंश झेल रहे थे, तभी उनके लखनऊ में रहने वाले मामा पंडित राजकुमार शर्मा ने उन्हें फास्ट-फूड की दुकान खोलने की सलाह दी। पिता के साथ आर्थिक तंगी से जूझ रहे दोनों भाइयों ने मामा की सलाह मानी और बैंक रोड के युनाइटेड कंपाउंड में शर्मा चाट हाउस नाम से दुकान खोल दी। शुरुआत में मामा ने उन्हें लखनऊ का एक कारीगर भी दिया लेकिन वह ज्यादा दिन नहीं टिका और अंत में दोनों भाई चाट बनाने से लेकर बिक्री तक का काम खुद करने लगे।
गुणवत्ता और साफ-सफाई से हुए मशहूर
प्रतिस्पर्धा बहुत थी, सो उन्होंने गुणवत्ता और साफ-सफाई से बाजार में अपनी जगह बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। मामला जम गया और शर्मा चाट की ख्याति तेजी से फैलने लगी। दो वर्ष बाद जब शर्मा बंधुओं ने दुकान को युनाइटेड कंपाउंड से सुमेर सागर रोड पर शिफ्ट किया तो कद्रदान खोजते-खोजते वहां भी पहुंचने लगे। आज की तारीख में शर्मा चाट हाउस महज एक दुकान नहीं बल्कि ब्रांड बन चुका है।
नौ बजे तक आ जाती है ग्राहकों को लौटाने की नौबत
शर्मा चाट हाउस शाम चार बजे खुलता है, सो लोगों के आने का सिलसिला भी तभी से शुरू हो जाता है। सात बजे तक इतनी भीड़ हो जाती है कि आठ बजे से एक-एक सामान खत्म होने का सिलसिला शुरू हो जाता है और रात नौ बजे तक ग्राहकों को लौटाने की नौबत आ जाती है।
जरा ग्राहकों की भी सुनिए
बशारतपुर निवासी मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि बहराइच का रहने वाला हूं। जब यहां पहली बार आया तो लोगों से शर्मा जी के चाट की इतनी तारीफ सुनी कि मैं भी खाने पहुंच गया। अब तो फैन हो चुका हूं उनकी चाट का। तारामंडल भगत चौराहा निवासी चांदनी सिंह का कहना है कि शर्मा चाट हाउस की साफ-सफाई मुझे बहुत पसंद आती है। क्लालिटी के साथ साफ-सफाई भी मिले तो फिर क्या बात है। गुणवत्ता को लेकर उनकी सजगता भी प्रभावित करती है।