यहां चुनाव पर भारी पड़ता है बाहुबल और 'मैनेजमेंट', ऐसे बनते हैं ब्लाक प्रमुख

वर्ष 2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जब क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव हुए तो गोरखपुर के आठ क्षेत्र पंचायतों में प्रमुखी को लेकर लड़ाई देखने को मिली। 10 ब्लाकों के प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित हुए। देवरिया में 14 ब्लाकों में प्रमुख बनने के लिए कांटे की टक्कर हुई थी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 12:15 PM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 08:51 AM (IST)
यहां चुनाव पर भारी पड़ता है बाहुबल और 'मैनेजमेंट', ऐसे बनते हैं ब्लाक प्रमुख
पूर्वांचल के कई जिलों में ब्‍लाक प्रमुख पद पर निर्विरोध चुनाव होते हैं। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, रजनीश त्रिपाठी। क्षेत्र पंचायत सदस्य बनने के लिए सैकड़ों दावेदार भले ही हाथ-पांव मार रहे हों, लेकिन बारी जब ब्लाक प्रमुख के चुनाव की आएगी तो ज्यादातर सदस्य बगैर लड़े ही हथियार डाल देंगे। पिछले चुनाव में तो कम से कम ऐसा ही हुआ था। लोकप्रियता की ओट में धन और बाहुबल के मैनेजमेंट का ही नतीजा रहा कि गोरखपुर-बस्ती मंडल के 97 ब्लाकों में तकरीबन 40 फीसद पर चुनाव ही नहीं हुए और यहां के प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित हो गए। 12 ब्लाकों में कहने के लिए तो चुनाव हुए लेकिन नतीजा एकतरफा रहा। कुछ ब्लाक में तो चुनावी गुणा-गणित और समीकरण ऐसा था जहां विपक्षी को अपने अलावा किसी सदस्य का वोट नहीं मिला।

गोरखपुर-बस्ती मंडल के 97 में से 50 ब्लाक प्रमुख निर्विरोध या एकतरफ हुए थे निर्वाचित

वर्ष 2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जब क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव हुए तो गोरखपुर के आठ क्षेत्र पंचायतों में ही प्रमुखी को लेकर लड़ाई देखने को मिली। 10 ब्लाकों के प्रमुख निर्विरोध निर्वाचित हो गए। देवरिया ऐसा इकलौता जिला रहा जहां 14 ब्लाकों में प्रमुख बनने के लिए कांटे की टक्कर हुई थी। यहां महज दो सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ। संतकबीरनगर में एक सीट पर ही निर्विरोध निर्वाचन हुआ।

देवरिया और महराजगंज अपवाद, यहां हर ब्लाक में प्रत्याशियों को मिली थी कड़ी चुनौती

महराजगंज की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही थी जहां एक भी सीट भी लड़ाई एकतरफा या दोस्ताना नहीं थी। यहां तीन चौथाई सीटों पर प्रमुख के दावेदारों को चुनौती मिली थी। लड़ाई से पहले ही हथियार डालने या दोस्ताना लड़ाई कर समझौता करने वालों के सिद्धार्थनगर जिला सबसे आगे रहा। यहां के 13 ब्लाकों में से आठ पर चुनाव की नौबत नहीं आई और प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। जिन पांच ब्लाकों में चुनाव हुए भी वहां दो जगह लड़ाई दोस्ताना ही रही। बस्ती में भी पांच सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ था।

सेवा-सत्कार के साथ गोवा-नेपाल की सैर

ब्लाक प्रमुखी की तैयारी में जुटे दावेदार मतदान और परिणाम से पहले ही सदस्यों को साधने में जुट गए हैं। जिताऊ उम्मीदवारों पर अभी से नजर गड़ा कर बैठे प्रमुखी के दावेदार नेपाल, गोवा की सैर के साथ सेवा-सत्कार का भी आफर भिजवाने लगे हैं। हालांकि आधिकारिक तौर यह बताने के लिए कोई भले न तैयार हो, लेकिन दबी जुबान स्वीकार सभी कर रहे हैं।

जिला        ब्लाक  निर्विरोध सविरोध

गोरखपुर       19     10      09

देवरिया        16     02      14

कुशीनगर      14      08      06

महराजगंज     12     04       08

बस्ती             14     05       09

सिद्धार्थनगर    13     08      05

संतकबीरनगर  09     01      08

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