PM Modi visit: जलकुंडी परियोजना से होगा यूपी के इस पिछड़े जिले का उद्धार, परवान चढ़ीं पीएम मोदी से उम्मीदें
PM Modi visit to Siddharthnagar प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज का उद्घाटन करने आ रहे हैं लोग मांग कर हैं कि प्रधानमंत्री इस क्षेत्र को जलकुंडी परियोजना की सौगात दे दें तो पूर्वांचल से बाढ़ की समस्या खत्म हो जाए।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कुशीनगर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात देकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर के लोगों उम्मीदों को बल दे दिया है। वह सोमवार को यहां मेडिकल कालेज का उद्घाटन करने आ रहे हैं, लोग मांग कर हैं कि प्रधानमंत्री इस क्षेत्र को जलकुंडी परियोजना की सौगात दे दें तो पूर्वांचल से बाढ़ की समस्या खत्म हो जाए। इस क्षेत्र को पर्यटन का कोई बड़ा प्रोजेक्ट दे दें तो यहां के नागरिकों को रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े। कालानमक के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास हो, ताकि इस क्षेत्र के किसानों की आय बढ़े।
पीएम से हैं ढेरों उम्मीदें
सिद्धार्थनगर को मेडिकल कालेज की सौगात देकर सरकार ने तराई को तमाम बीमारियों से लड़ने के लिए सक्षम बना दिया है। लेकिन इस आकांक्षी जिले की उम्मीदें भी प्रधानमंत्री से असीम हैं। उसकी वजह है कि इस जिले को अब छोटे नहीं, बल्कि बड़े प्रोजेक्ट की जरूरत है, जिसे प्रधानमंत्री ही पूरा कर सकते हैं। लोटन विकास खंड के ग्राम कपिया निवासी सतीश उपाध्याय का कहना है कि औसतन हर साल सिद्धार्थनगर सहित पूर्वांचल के लोग बाढ़ की समस्या से जूझते हैं। किसानों की हजारों बीघा फसल बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है। ऐसे में जलकुंडी परियोजना के जरिये ही इस क्षेत्र को सैलाब के खतरे से बचाया जा सकता है। बता दें वर्ष 1935 में बाढ़ से बचाव के लिए जलकुंडी परियोजना का प्रस्ताव तैयार किया गया था। उद्देश्य यह था कि नेपाल के भालूबांग में 56 मीटर और नलौरी के पास 163 मीटर का ऊंचा बांध बना कर और गहरा कुंड खोदकर पहाड़ी नदियों से आने वाले जल को संग्रहीत किया जाता। उसी से बिजली तैयार होती।
जलकुंडी परियोजना के मूर्त रूप लेने की उम्मीद
इस परियोजनो को लेकर भारत व नेपाल के प्रधानमंत्रियों में पूर्व में बात भी हुई, लेकिन हमेशा कुछ न कुछ तकनीकि पेंच के चलते परियोजना पर काम नहीं हो सका, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह कुशीनगर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सौगात दी है, उससे यहां के लोगों की भी उम्मीदें बुलंद हैं। उनका मानना है कि जलकुंडी परियोजना सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में ही साकार हो सकती है। इतना ही नहीं, लोगों का यह भी मांग है कि उद्योग विहीन इस क्षेत्र को कोई बड़ी इंडस्ट्री मिल जाती तो यहां के लोगों बाहर नहीं जाना पड़ता। सिद्धार्थनगर में मर्थी, मझौली, सिसवां, बजहां जैसे दस कृत्रिम जलाशय स्थापित कराए गए हैं।
यदि इन जलाशयों को गहरा करके व उसका सौन्दर्यीकरण कराकर वहां वाटर स्पोर्ट्स की सुविधा शुरू करा दी जाती तो कपिलवस्तु दर्शन के लिए आने वाले लोग इस क्षेत्र का पर्यटकीय लुत्फ भी उठा पाते। इतना ही नहीं कालानमक को एक जिला एक उत्पाद तो घोषित किया गया है, लेकिन अभी तक वह प्रयास नहीं हो सका है, जो कालानमक को अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड बना सके। ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे से लोगों की उम्मीदें अपार हैं। उनका मानना है हो सके प्रधानमंत्री यहां मेडिकल कालेज के उद्घाटन के साथ कुछ और घोषणाएं भी कर जाएं।
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केंद्रीय विद्यालय, प्रधान डाकघर भवन, पासपोर्ट कार्यालय।