इंटरनेट काल करके मांग रहे थे 20 लाख की रंगदारी, पुलिस पहुंच गई उन तक
इंटरनेट काल करके रंगदारी मांगने वाले दो बदमाश पहली बार साइबर सेल व सिकरीगंज थाना पुलिस की संयुक्त टीम के हत्थे चढ़े हैं। दोनों बदमाशों ने गल्ला व्यवसायी से करीब दो माह पूर्व इंटरनेट वायस ओवर काल के जरिये काल करके 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : इंटरनेट काल करके रंगदारी मांगने वाले दो बदमाश पहली बार साइबर सेल व सिकरीगंज थाना पुलिस की संयुक्त टीम के हत्थे चढ़े हैं। दोनों बदमाशों ने सिकरीगंज कस्बे के गल्ला व्यवसायी से करीब दो माह पूर्व इंटरनेट वायस ओवर काल के जरिये काल करके 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। सिकरीगंज कस्बे के गल्ला व्यवसायी व रामडीह निवासी अयोध्या प्रसाद जायसवाल के पास 18 जुलाई को 447598268945, 8801530402422, 639440553366 नंबर से काल आई थी। फोन करने वाले ने उनसे 20 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। धमकी देने वाले ने पुलिस को सूचना देने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी।
मामले की जांच में जुटी थी साइबर सेल की टीम व सिकरीगंज पुलिस
साइबर सेल की टीम व सिकरीगंज थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी। सुबह पता चला कि शुकलपुरा मोड़ पर घटना में शामिल दोनों आरोपित मौजूद हैं। पुलिस ने मौके पर दबिश देकर दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों की पहचान दुर्गेश उर्फ हनुमान शुक्ला निवासी शुकलपुरा व उसी के गांव का उत्कर्ष उर्फ विपुल के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक दक्षिणी एके सिंह ने अपने कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि दुर्गेश ने पुलिस को जानकारी दी है कि व्यापारी उसके घर पर गल्ला खरीदने के सिलसिले में आया जाया करते थे। ऐसे में उसने रंगदारी की एक योजना बनाई।
एक फर्जी सिम की व्यवस्था कराने काे कहा था उत्कर्ष ने
उत्कर्ष से उसने एक फर्जी सिम की व्यवस्था कराने के लिए कहा। उत्कर्ष ने उसे बताया कि वह मोबाइल पर एक ऐसा एप डाउनलोड कर देगा, उससे वह विदेशी नंबर लगाकर बात कर सकता है। उसने दावा किया था कि कोई उसे पकड़ ही नहीं सकता है। नंबर की साइबर सेल ने सर्विस प्रोवाइडर कंपनी से पुलिस वास्तविक नंबर तक पहुंच गई। आरोपित के विषय में सूचना मिलते ही साइबर सेल के प्रभारी महेश चौबे, थानाध्यक्ष सिकरीगंज राजेंद्र मिश्रा ने अपनी टीम के साथ आरोपितों को दबोच लिया।
दो मतों से प्रधानी चुनाव हारा था मुख्य आरोपित
पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपित दुर्गेश इस बार ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा था। वह दो मतों से चुनाव हार गया था, जबकि उत्कर्ष स्टाफ सर्विस कमीशन परीक्षा की तैयारी कर रहा था।