थानेदारों को बचाने के लिए 20 दिन तक बनाते रहे बहाना, डीएम की सख्ती पर हुई कार्रवाई Gorakhpur News

डीएम के निर्देश पर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया। सख्त रुख अख्तियार करने पर आनन-फानन मुकदमा दर्ज कर लिया। अधिकांश आरोपित गोरखपुर में तैनात हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 09:00 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 09:00 PM (IST)
थानेदारों को बचाने के लिए 20 दिन तक बनाते रहे बहाना, डीएम की सख्ती पर हुई कार्रवाई Gorakhpur News
थानेदारों को बचाने के लिए 20 दिन तक बनाते रहे बहाना, डीएम की सख्ती पर हुई कार्रवाई Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। तस्करी की शराब गायब होने के मामले में सहजनवां में तैनात रहे तीन पूर्व थानेदार जांच के दायरे में आ गए हैं। 20 दिन तक अधिकारियों ने इन लोगों को बचाने का प्रयास किया। डीएम के निर्देश पर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया। सख्त रुख अख्तियार करने पर आनन-फानन  मुकदमा दर्ज कर लिया। अधिकांश आरोपित गोरखपुर में तैनात हैं। उनके खिलाफ अभी विभागीय कार्रवाई नहीं हुई है।

जिलाधिकारी को मिली थी शिकायत, तब हुई जांच

जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन को शिकायत मिली थी कि सहजनवां थाने में जब्त कर रखी गई तस्करी की शराब थानेदार ने गायब कर दी है। जिसके बाद डीएम ने जांच के लिए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/एसडीएम सहजनवां सरनीत कौर ब्रोका के नेतृत्व में स्पेशल टीम बनाई। 20 दिन पहले ज्वाइंट मजिस्ट्रेट टीम के साथ सहजनवां थाने पहुंची। मालखाना खोल कर जब्त शराब, नष्ट की गई शराब और शराब जब्त करने के मामले में दर्ज प्राथमिकी की जांच की। शराब जब्ती अभियान के दौरान छापेमारी में शामिल टीम, पुलिस अधिकारी, जवान और वाहन चालक आदि की बिंदुवार जानकारी ली। जिसमें पता चला कि जून 2017 से जून 2019 के बीच जब्त की गई तस्करी की शराब में 557 बोतल गायब है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने तत्कालीन थानेदार व मालखाना प्रभारी को दोषी बताते हुए कार्रवाई के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी थी। 24 नवंबर को डीएम ने एसएसपी को पत्र लिख आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया था। कार्रवाई न होने पर बुधवार को रिमाइंडर भेज उन्होंने दो दिन में जवाब मांगा था।

दो‍षी पुलिसकर्मियों के खिलाफ होगी कार्रवावाई

इस संबंध में एसएसपी डा. सुनील गुप्‍ता का कहना है कि थाने से तस्करी की शराब गायब होने का मामला गंभीर है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ है। साक्ष्य के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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