इन दो निर्णयों से बदल जाएगी गोरखपुर शहर की सूरत, प्रशासन ने शुरू की तैयारी
गोरखपुर में शहर में आए दिन लगने वाले जाम से मुक्ति मिलने जा रही है। शहर में स्थित बस स्टैंड और सब्जी मंडी शहर से बाहर स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है। सब कुछ ठीक रहा तो शहर से शीघ्र ही जाम की समस्या खत्म हो जाएगी।
गोरखपुर, जेएनएन। योगी आदित्यनाथ के यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर की दशा बदलनी शुरू हो गई थी, अब शहर में आए दिन लगने वाले जाम से मुक्ति मिलने जा रही है। शहर में स्थित बस स्टैंड और सब्जी मंडी शहर से बाहर स्थापित करने की तैयारी शुरू हो गई है।
कडज़हां में शिफ्ट होना था प्राइवेट बस स्टैंड
जाम से निजात पाने के लिए अधिकारियों ने बसों को शहर में आने से रोकने की तैयारी की थी। एडीजी के साथ डीएम व एसएसपी ने निरीक्षण कर स्थान भी चिन्हित कर लिया था। मार्च में ही देवरिया व कुशीनगर से आने वाली बसों को रामनगर कडज़हां में रोकने की योजना थी। लेकिन यह पूरी नहीं हुई।
मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, पैडलेगंज, तारामंडल रोड, छात्रसंघ और यूनविर्सिटी चौराहा पर जाम लगने की सबसे बड़ी वजह शहर में आने वाले बस है। एडीजी की कवायद पर जाम से निजात पाने के लिए बनाई गई योजना में इसका जिक्र हुआ था। अधिकारियों ने बैठक का निर्णय लिया था कि देवरिया व कुशीनगर की तरफ से आने वाली प्राइवेट बसों को रामनगर कडज़हां से आगे नहीं आने दिया जाएगा। बस को खड़ा करने के लिए अधिकारियों ने रामनगर कडज़हां में जमीन भी चिन्हित कर ली थी। अतिक्रमण हटवाकर मार्च के आखिरी सप्ताह में प्राइवेट बस स्टैंड को रामनगर कडज़हां में शिफ्ट करना था। इसकी जिम्मेदारी एसपी ट्रैफिक व अपर जिलाधिकारी को नगर को दी गई थी। लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। देवरिया, कुशीनगर के साथ ही बिहार से आने वाले सैकड़ों प्राइवेट बस रोजाना शहर में आते हैं। जिसकी वजह से जाम लगता है।
मनमानी पर रोडवेज की बसों पर होनी थी कार्रवाई
12 मार्च कमिश्नर सभागार में हुई बैठक में यह मामला उठा था कि रेलवे स्टेशन रोड पर रोडवेज की बस सड़क पर खड़ी रहती हैं। जिसकी वजह से दिन भर जाम लगा रहता है। कमिश्नर ने रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक को निर्देश दिए थे कि रोडवेज की कोई भी बस सड़क पर खड़ी न हो। अगर कोई मनमानी करता है तो 25 मार्च के बाद यातायात पुलिस बस का चालान काटेगी।
50 मीटर खाली कराना था चौराहा
जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए अधिकारियों ने यह फैसला किया था कि शहर के चौराहों पर कोई भी आटो चालक यात्री न बैठाए। यात्रियों को कम से कम 50 मीटर दूर उतारा या बैठाया जाए। इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए सभी चौकी प्रभारियों को निर्देश दिए गए थे।
शहर से बाहर शिफ्ट हो सकती है सब्जी मंडी
महेवा स्थित सब्जी मंडी शहर के बाहर शिफ्ट हो सकती है। शनिवार को गोरखपुर दौरे पर आए मंडी परिषद के निदेशक अंजनी कुमार सिंह ने इस संबंध में व्यापारियों से बातचीत की थी। सब्जी कारोबारी मंडी में जगह न होने का हवाला देते हुए उसे शहर से बाहर शिफ्ट करने की मांग करते आ रहे हैं। इसके लिए करीब 200 व्यापारियों ने मंडी सचिव को सहमति पत्र भी दिया है। इसके बाद मंडी समिति ने एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा था।
व्यापारियों की मांग को देखते हुए शासन ने मंडी समिति से नई मंडी बनाने के लिए जमीन तलाशने को कहा था। पिछले साल गीडा की मदद से समिति ने बाघागाड़ा के पास 20 एकड़ जमीन पसंद की थी। नई जगह को लेकर फल एवं सब्जी मंडी के व्यापारी काफी उत्साहित थे, लेकिन इसी बीच लाकडाउन लग गया और मंडी विस्तार की प्रक्रिया रोक दी गई। जब हालात सामान्य हुए तो मंडी समिति ने फिर जमीन की तलाश शुरू कर दी। समिति ने मंडी से आठ किलोमीटर दूर नरकटहा में एक जमीन व्यापारियों को दिखाई जो उन्हें पसंद आई। नई मंडी बनने के बाद व्यापारी वहां जाने से मना न करें इसलिए समिति ने व्यापारियों से कारोबार स्थानांतरिक करने के लिए नोटरी पर सहमति मांगी।
करीब दौ सौ सब्जी कारोबारियों ने सहमति पत्र समिति के कार्यालय में जमा करा दिया। पूर्वांचल सब्जी-फल थोक विक्रेता कल्याण समिति के अध्यक्ष संजय शुक्ला ने बताया कि मंडी परिषद के निदेशक से सकारात्मक बात हुई, सब्जी मंडी की शिङ्क्षफ्टग को लेकर उन्होंने दिलचस्पी दिखाई है। जब मंडी बनी तब सिर्फ सब्जी, फल एवं आलू-प्याज की बिक्री होती थी। बाद में गल्ला एवं मछली मंडी भी जुड़ गई। तब सब्जी के 80 रजिस्ट्रर्ड विक्रेता था और अब 400 हैं। इसलिए मंडी की शिफ्टिंग बहुत जरूरी है।