अ‍ब धोखे से नहीं बेंच पाएंगे जमीन, गोरखपुर ज‍िला प्रशासन करने जा रहा यह व्‍यवस्‍था

गोरखपुर जिला प्रशासन ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहा है जिससे कोई भी सीलिंग या नजूल की जमीन की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। जिले में मौजूद सीलिंग एवं नजूल की सभी जमीन की सूची तैयार की जा रही है और सभी रजिस्ट्री कार्यालयों में उसका डाटा फीड कराया जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 08:30 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:28 AM (IST)
अ‍ब धोखे से नहीं बेंच पाएंगे जमीन, गोरखपुर ज‍िला प्रशासन करने जा रहा यह व्‍यवस्‍था
जमीन की रज‍िस्‍ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने की प्रशासन फुलप्रूफ व्‍यवस्‍था करने जा रहा है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। सीलिंग की जमीन को भूमाफिया द्वारा बेचने की शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहा है, जिससे कोई भी सीलिंग या नजूल की जमीन की रजिस्ट्री नहीं करा सकेगा। जिले में मौजूद सीलिंग एवं नजूल की सभी जमीन की सूची तैयार की जा रही है और सभी रजिस्ट्री (निबंधन) कार्यालयों में उसका डाटा फीड कराया जाएगा। रजिस्ट्री के दौरान संबंधित खाता संख्या से यह पता चल जाएगा कि जमीन सीलिंग या नजूल की तो नहीं है।

रजिस्ट्री नहीं करा सकेंगे सीलिंग व नजूल की जमीन

शहर क्षेत्र में कुछ लोगों ने जमीन खरीदी थी। जमीन की रजिस्ट्री तो हो गई लेकिन नामांतरण नहीं हो पाया। जांच में पता चला कि उन्हें नजूल एवं सीलिंग की जमीन बेच दी गई है। बहरामपुर में भी इसी तरह का मामला प्रकाश में आया था। कुछ दिन पहले ही फर्जी दस्तावेज के सहारे सीलिंग की जमीन बेचने वाले छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

रजिस्ट्री करने से नहीं कर सकते इनकार

रजिस्ट्री कार्यालय में जमीन की रजिस्ट्री कराने जाने वाले किसी भी व्यक्ति को अधिकारी रजिस्ट्री से मना नहीं कर सकते हैं। चार घंटे के भीतर रजिस्ट्री करनी ही होती है। समय-समय पर प्रशासन की ओर से जब कुछ खाता संख्या की रजिस्ट्री पर रोक लगाई जाती है तो रजिस्ट्री कार्यालय में उसको लेकर सतर्कता बरती जाती है। डाटा फीड होने के बाद वहां के कर्मचारी रजिस्ट्री पेपर देखकर आसानी से जान सकेंगे कि जिस जमीन की रजिस्ट्री हो रही है वह सरकारी तो नहीं।

सभी रजिस्ट्री कार्यालयों को उपलब्ध कराई जाएगी सूची, आनलाइन हो सकेगी जांच

जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जाएगा। सीलिंग एवं नजूल की जमीन के बारे में रजिस्ट्री कार्यालयों को भी जानकारी दी जाएगी। जानकारी उपलब्ध होने से फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने पर रोक लग सकेगी।

सील‍िंग की जमीन बेचने वाले जालसाजों को नहीं पकड़ पाई पुलिस

सील‍िंग की 25 एकड़ जमीन 33 करोड़ में रजिस्ट्री करने वाले आरोपित कैंट पुलिस की पकड़ से दूर हैं। डीएम ने मुदकमा दर्ज कर गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। अब तक की छानबीन में जालसाजों से जमीन रजिस्ट्री कराने वाले 63 लोगों का नाम सामने आया है। इन लोगों से अभी पूछताछ नहीं हो पाई है। पवन प्रापर्टी डीलर एवं कालोनाइजर्स के रामलाल पासवान, सिमिरती देवी, जगदीश यादव, रमाशंकर पासवान, आशा देवी ने महादेव झारखंडी के टुकड़ा नंबर दो में स्थित सील‍िंग की 25 एकड़ जमीन को 33 करोड़ रुपये में 140 से अधिक लोगों को बेच दी।शिकायत पर जिलाधिकारी विजय किरने आनन्द ने जांच कराई तो मामला सही मिला।जिसके बाद जिलाधिकारी ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार करने का आदेश कैंट पुलिस को दिया था।

शिकायतकर्ता की तहरीर पर कैंट पुलिस ने 27 नवंबर को आरोपितों के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और सार्वजनिक संपत्ती को क्षति पहुंचाने का केस दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई। अब तक की छानबीन में पुलिस को 63 लोगों का नाम मिला है जिन्होंने प्रापर्टी डीलरों से सील‍िंग की जमीन रजिस्ट्री कराई है। प्रभारी निरीक्षक कैंट मधुप नाथ मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। अभी तक कोई आरोपित पकड़ा नहीं गया है।

सील‍िंग की जमीन पर बस गई है कालोनी

महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर तीन में स्थित सील‍िंग की जमीन को प्रापर्टी डीलर पिछले 10 साल से बेच रहे थे। क्रय-विक्रय पर कोर्ट ने रोक लगा रखा है लेकिन यह बात छिपाकर अधिकांश लोगों को जमीन रजिस्ट्री कर दी। जिसमें अधिकांश लोगों ने मकान बनवा लिया है।मुकदमा दर्ज होने के बाद सभी लोग परेशान है।

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