गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में परीक्षा पर संशय, क्‍या इस बार भी प्रमोट किए जाएंगे छात्र Gorakhpur News 3.55

शासन के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना जो एकेडमिक कैलेंडर तैयार किया था उसके हिसाब से अप्रैल में प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न कराने के बाद मई में वार्षिक परीक्षा कराई जानी थी। विश्वविद्यालय ने इसे लेकर तैयारी शुरू भी कर दी थी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 03:55 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:11 PM (IST)
गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में परीक्षा पर संशय, क्‍या इस बार भी प्रमोट किए जाएंगे छात्र Gorakhpur News 3.55
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय केे मुख्‍यद्वार का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और इससे सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थी एक तरफ कोरोना के बढ़ते संक्रमण से परेशान हैं तो दूसरी  ओर उन्हें अपनी परीक्षा की ङ्क्षचता सताए जा रही है। बदली परिस्थितियों में उन्हें परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय का वार्षिक कैलेंडर फेल होता नजर आ रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी के चलते विद्यार्थी इस बात को लेकर भी असमंजस में हैं कि इस परीक्षा होगी कि पिछले वर्ष की तरह उन्हें एक बार फिर प्रमोट कर दिया जाएगा।

मई में होनी थी वार्षिक परीक्षा

शासन के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपना जो एकेडमिक कैलेंडर तैयार किया था, उसके हिसाब से अप्रैल में प्रायोगिक परीक्षा सम्पन्न कराने के बाद मई में वार्षिक परीक्षा कराई जानी थी। विश्वविद्यालय ने इसे लेकर तैयारी शुरू भी कर दी थी लेकिन कोरोना के दूसरे स्ट्रेन ने पूरी योजना को ध्वस्त  कर दिया। पहले अप्रैल की प्रायोगिक परीक्षा प्रभावित हुई और अब वार्षिक परीक्षा पर भी ग्रहण लगता नजर आ रहा है। विद्यार्थियों की ङ्क्षचता की यही वजह भी है। उनकी चिंता तब और बढ़ जा रही, जब विश्वविद्यालय के जिम्मेदारों से भी उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिल रहा।

नहीं भा रही आनलाइन कक्षाएं

परीक्षा की ङ्क्षचता में विद्यार्थियों को आनलाइन कक्षाएं भी नहीं भा रही हैं। उनका कहना है कि यदि फिर से प्रमोट करने की स्थिति आई तो आनलाइन कक्षाओं का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। ऐसे में इसे लेकर स्थिति जल्द से जल्द साफ होनी चाहिए।

छात्र बोले

एमए (चतुर्थ सेमेस्टर) की छात्रा हर्षिता शुक्ला का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से हमारा भविष्य प्रभावित होता दिख रहा है।  न तो आफलाइन कक्षाएं चल रही हैं न परीक्षा की कोई चर्चा है। छात्र हित में विवि को जल्द से जल्द कोई निर्णय लेना चाहिए। बीए (द्वितीय वर्ष) के शिवम मिश्रा का कहना है कि पिछली बार जो छात्र बीए द्वितीय वर्ष में थे, वे प्रमोट कर दिए गए। इस बार भी ऐसा न हो, यह सोचकर पढ़ाई बाधित हो रही है। विश्वविविद्यालय की ओर कोई जवाब न मिलना दुखद है। बीए (तृतीय वर्ष) के छात्र आदर्श पाठक का कहना है कि कोरोना संक्रमण का दौर अभी लंबा चलेगा, ऐसे में विश्वविद्यालय को जल्द से जल्द परीक्षा या प्रमोशन में से किसी एक निर्णय पर पहुंचना चाहिए। हम छात्र इसे लेकर काफी दुविधा में हैं। बीए (तृतीय वर्ष) के छात्र अभिषेक पटेल का कहना है कि परीक्षा की तिथि पहले से तय रहती है तो उसके अनुसार पढ़ाई करने में मन लगता है। अब जबकि परीक्षा का होना ही तय नहीं है तो पढ़ाई में मन ही नहीं लग रहा। विवि को कुछ करना चाहिए।

शासन से मांगा गया है मार्ग दर्शन

दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. ओम प्रकाश का कहना है कि परीक्षा की पूरी तैयारी थी लेकिन कोरोना के चलते सब धरी की धरी रह गई। वर्तमान परिस्थिति में परीक्षा आयोजन को लेकर शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है। शासन ने भी हमसे सुझाव मांगा है। अब उसके दिशा-निर्देश का इंतजार है।

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