Gorakhpur Panchayat Election 2021: गोरखपुर की 200 से अधिक ग्राम पंचायतों में होंंगेे उपचुनाव, जानें-क्‍या है कारण

Gorakhpur Panchayat Election 2021 किसी ग्राम पंचायत का गठन तभी पूरा माना जाता है जब उस पंचायत में न्यूनतम दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्य चुनकर आए हों। जिले में गोला ब्लाक में ऐसे सर्वाधिक 47 गांव जबकि खजनी में 45 ग्राम पंचायतों का गठन लटक गया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 04:09 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 05:25 PM (IST)
Gorakhpur Panchayat Election 2021: गोरखपुर की 200 से अधिक ग्राम पंचायतों में होंंगेे उपचुनाव, जानें-क्‍या है कारण
पंचायत चुनाव के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं। 1293 ग्राम पंचायतों में नए प्रधान भी चुन लिए गए हैं। पर, इनमें से 200 से अधिक ग्राम पंचायतों का गठन टालना पड़ेगा। यहां के प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे। इसका कारण ग्राम पंचायत सदस्यों की पर्याप्त संख्या का न होना है। किसी ग्राम पंचायत का गठन तभी पूरा माना जाता है जब उस पंचायत में न्यूनतम दो तिहाई ग्राम पंचायत सदस्य चुनकर आए हों। जिले में गोला ब्लाक में ऐसे सर्वाधिक 47 गांव जबकि खजनी में 45 ग्राम पंचायतों का गठन लटक गया है।

गोला में 47 और खजनी में 45 ग्राम पंचायतों का गठन लटका

गोला ब्लाक में ऊंचागांव, दुरई, अहिरौली, बारानगर, डडिया आदि ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या दो तिहाई तक नहीं पहुंच पाई है। कौड़ीराम में कसिहार, धौसा, तिघरा खुर्द, जगन्नाथपुर, पालीपार, बासूडीहा, वस्तूपार, टीकर, हरदिया सहित 15 ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान शपथ नहीं ले पाएंगे। भरोहिया में बारापट्टी, चौक माफी, भुइधरपुर, सांखी, मंझरिया में भी यही स्थिति है। पिपरौली के अमटौरा, तेनुआ, तेनुअन, बांसपार, रामपुर मलौली, बरवल माफी, खरैला सेवई, जोतमामापार सहित 15 ग्राम पंचायतों का गठन अधूरा रहेगा। इसी तरह भटहट में भी पांच ग्राम पंचायतों का गठन समय से नहीं हो पाएगा। पिपरौली के अमटौरा सहित कुछ ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां एक भी ग्राम पंचायत सदस्य नहीं चुने गए हैं। यहां से किसी ने पर्चा ही दाखिल नहीं किया था। जबतक गठन नहीं होगा तबतक इन गांवों में कामकाज प्रशासक ही देखेंगे।

ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या दो तिहाई न होने से परेशानी

जिन ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो पाएगा, वहां ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या पूरी करने के लिए उपचुनाव कराना होगा। उपचुनाव छह महीने के भीतर कराना होता है लेकिन आमतौर पर राज्य निर्वाचन आयोग एक से डेढ़ महीने में यह प्रक्रिया पूरी करा लेता है। जो प्रधान निर्वाचित हो चुके हैं, वे अपने अनुसार लोगों को इस पद के लिए पर्चा भरवाते हैं। चूंकि पहले से ही इन गांवों में लोग रुचि नहीं दिखाते हैं इसलिए ग्राम पंचायत के वार्डों में निर्वाचित प्रधान रिक्त पदों पर निर्विरोध निर्वाचन कराने में सफल हो जाते हैं।

जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि जिले में इस बार ग्राम पंचायत सदस्यों की निर्धारित संख्या के सापेक्ष करीब 800 सदस्य कम चुने गए हैं। ऐसे में कई ग्राम पंचायतों का गठन नहीं हो पाएगा। अब यहां उपचुनाव कराना पड़ेगा। उपचुनाव के बाद सदस्यों की संख्या दो तिहाई पूरी हो जाने पर ग्राम पंचायतों का गठन होगा।

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