देवरिया में सरकारी गोदामों में था जलभराव, संभागीय खाद्य नियंत्रक ने पानी निकलवाने का दिया आदेश
संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) कार्यभार संभाल रहे जीडीए उपाध्यक्ष प्रेमरंजन सिंह ने 14 सितंबर को गोरखपुर और देवरिया जिले में खाद्य विभाग के गोदामों की ताबड़तोड़ जांच की। सुबह 915 बजे खोराबार ब्लक में गोदाम पर आरएफसी पहुंचे तो अफरातफरी मच गई।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) प्रेमरंजन सिंह ने मंगलवार को गोरखपुर और देवरिया जिले में खाद्य विभाग के गोदामों की ताबड़तोड़ जांच की। सुबह 9:15 बजे गोदाम पर आरएफसी पहुंचे तो अफरातफरी मच गई। देवरिया में एक केंद्र पर जलभराव मिलने के बाद आरएफसी ने पानी निकालने की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। आरएफसी ने सभी गोदामों की साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक रखने की भी हिदायत दी है।
जीडीए उपाध्यक्ष संभाल रहे हैं संभागीय खाद्य नियंत्रक का कार्यभार
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष प्रेमरंजन सिंह के पास आरएफसी का भी चार्ज है। प्रेमरंजन सिंह मंगलवार को संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी सचिन कुमार और लेखाधिकारी नागेंद्र सिंह के साथ सुबह सबसे पहले खोराबार ब्लाक स्थित गोदाम पर पहुंचे। यहां गोदाम प्रभारी कृष्ण सहाय पाठक समेत अन्य कर्मचारी मौजूद मिले। आरएफसी ने इलेक्ट्रानिक कांटा, स्टाक, साफ-सफाई देखी।
देवरिया में चार गोदामों को किया चेक
देवरिया जिले के गौरीबाजार स्थित खाद्य विभाग के गोदाम पर सुबह 9:50 बजे पहुंचे आरएफसी को गोदाम प्रभारी संजीव कुमार और अन्य कर्मचारी मौजूद मिले। आरएफसी ने खाद्यान्न के रखरखाव की व्यवस्था ठीक करने और सफाई लगातार कराने के निर्देश दिए। देवरिया जिले के बैतालपुर स्थित ब्लाक गोदाम पर सुबह 10:30 बजे पहुंचे आरएफसी को गोदाम प्रभारी नीरज कुमार तिवारी और अन्य कर्मचारी मौजूद मिले। जिला खाद्य विपणन अधिकारी देवरिया ने आरएफसी को बताया कि बैतालपुर इलाके में धान की अच्छी पैदावार होती है। इस पर आरएफसी ने धान खरीद से जुड़ी सभी व्यवस्था समय से पूरा करने के निर्देश दिए।
देवरिया सदर ब्लाक के गोदाम में भरा था पानी
देवरिया सदर के ब्लाक गोदाम में सुबह 11:10 बजे पहुंचे आरएफसी को गोदाम प्रभारी अतीश राय मौजूद मिले। परिसर में जलभराव मिला। इस पर आरएफसी ने देवरिया के जिला खाद्य विपणन अधिकारी को तत्काल पानी की निकासी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। कहा कि पानी निकालने के बाद पूरे परिसर में दवा का छिड़काव कराया जाए ताकि संक्रामक बीमारियां न फैलने पाएं।