जल्द हो सकता है गोविंद नगर चीनी मिल में मास्टर ट्रायल Gorakhpur News
दो सत्र से बंद चल रही बस्ती जिले की वाल्टरगंज मिल इसी सत्र में चालू हो सकती है। मिल में आंतरिक सफाई और मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है। प्रशासन की ओर से गठित तकनीकी समिति ने भी हरी झंडी दे दी है।
गोरखपुर, जेएनएन : सब कुछ ठीक रहा तो दो सत्र से बंद चल रही बस्ती जिले की वाल्टरगंज मिल इसी सत्र में चालू हो सकती है। मिल में आंतरिक सफाई और मरम्मत का कार्य पूरा हो चुका है। प्रशासन की ओर से गठित तकनीकी समिति ने भी हरी झंडी दे दी है। गन्ना आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान का मसला सुलझते ही मिल में मास्टर ट्रायल शुरू हो जाएगा। गोविंद नगर मिल के नए संचालक कन्हैया लाल शर्मा की ओर से मिल मरम्मत के लिए 15 नवंबर से 132 सीजनल व 79 परमानेंट श्रमिकों को काम पर रखा गया था। हर दिन मिल चलने की घोषणा के लिए मन्नतें भी मांग रहे हैं। फिलहाल नया प्रबंधन गोविंदनगर चीनी मिल को चालू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सूत्रों का कहना है अभी तक श्रमिकों को मात्र एक माह का वेतन भुगतान किया गया है और 31 माह का वेतन भुगतान शेष है। बावजूद इसके श्रमिक नए मिल संचालक के निर्देश पर कार्यों में शामिल हो रहे हैं। पूरे क्षेत्र में नए मिल संचालक द्वारा गाेविंद नगर शुगर मिल को वर्तमान पेराई सत्र में ही चालू किए जाने की चर्चा है। किसान इस आस में बैठे हैं कि मिल चलेगी तो बकाया गन्ना मूल्य भुगतान भी जरूर मिल जाएगा।
पावर हाउस मरम्मत का कार्य हो चुका है पूर्ण
मिल श्रमिक राजेश यादव, विनोद चौधरी, परशुराम चौधरी, रंजीत मौर्या, कमलेश पटेल आदि ने कहा की मिल हाउस के मरम्मत की जिम्मेदारी हम लोगों को दी गई थी, जिसे तैयार कर ट्रायल भी कर दिया है। वहीं पावर हाउस, टरबाइन की मरम्मत कर रहे जनार्दन चौधरी, प्रदीप चौधरी ,राजू, अमित, हरिशंकर पांडे ने बताया कि पावर हाउस मरम्मत का कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष बचे रोटर को उसके स्थान पर सेट कर दिया गया है। बायलर का मरम्मत कर रहे मनीराम मौर्या रामजतन मौर्य, धर्मेंद्र कुमार,आज्ञाराम व गोरख ने बताया बायलर यूनिट की मरम्मत का कार्य पूर्ण हो चुका है। बस अब स्टीम उठाने की देरी है। बालिंग हाउस, प्रोडक्शन की मरम्मत कर रहे वाईपी सिंह, एके उपाध्याय, शत्रुघ्न, रामजतन मौर्या, अभिमन्यु ने बताया कि इस स्थान पर चीनी बनाने वाले यंत्र हैं, मरम्मत कार्य पूर्ण हो चुका है ट्रायल बाकी है। मिल के नए मालिक कन्हैया लाल शर्मा ने बताया कि मिल श्रमिकों ने मात्र दो महीने के भीतर ही मिल लगभग तैयार कर दिया है। वर्तमान पेराई सत्र के लिए मिल का मास्टर ट्रायल होना है, जिसके लिए प्रबंधन के अधिकारियों से वार्ता चल रही है।
मिल चलने की आस में किसानों के चेहरे पर लौटी मुस्कान
वाल्टरगंज क्षेत्र के गन्ना किसान रमाकांत चौधरी, नवरत्न सिंह, रामतीरथ आदि कहना है कि वे गन्ना बेचकर अपनी जरूरतों को पूरा कर लिया करते थे। जब से गोविंद नगर चीनी मिल बंद हुई है, तब से गन्ने की खेती पर विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा था। मिल बंद होने से किसानों में मायूसी थी। जब से मिल चलने की बात सुनी है, तब से एक बार फिर अच्छे दिन का ख्याल आने लगा है। वहीं व्यवसायी कुलविंदर सिंह जेम्स, बबलू मोदनवाल, संजय मोदनवाल व रवि चौधरी का कहना है कि मिल बंद होने से उन लोगों के व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ा है। मिल चलने से उनके व्यवसाय में भी बढ़ोतरी होगी।
गन्ना बकाया भुगतान को लेकर फंसा है पेंच
वाल्टरगंज चीनी मिल पर गन्ना किसानों के 42 करोड़ रुपये बाकी हैं। नए मिल मालिक और सरकार के बीच इसके समयबद्ध भुगतान को लेकर पेच फंसा है। नए प्रबंधन ने गन्ना मूल्य भुगतान के लिए एक करोड़ दे दिया है।