पोल्ट्री फार्म है नहीं, मनरेगा से हो गया भुगतान
बस्ती पोल्ट्री फार्म है नहीं और उसके नाम से मनरेगा के तहत भुगतान भी हो जा रहा है। पोल्ट्र
बस्ती: पोल्ट्री फार्म है नहीं और उसके नाम से मनरेगा के तहत भुगतान भी हो जा रहा है। पोल्ट्री शेड निर्माण के लिए मनरेगा से जिसने मदद नहीं मांगी उसके भी नाम से दूसरे भुगतान ले ले रहे हैं। ऐसे दो मामले डीएम के संज्ञान में आए तो उन्होंने तत्काल जांच के निर्देश दिए।
सरकार की ओर से मनरेगा के तहत गांवों में पोल्ट्री शेड का निर्माण कराने के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है। इसका मकसद गांवों के लोगों को रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही मनरेगा श्रमिकों को रोजगार दिलाना भी है, मगर जिले में पोल्ट्री फार्म के नाम पर कुछ लोग गोलमाल कर रहे हैं। बहादुरपुर विकास खंड के मल्हवारा ग्राम पंचायत में पोल्ट्री फार्म के नाम पर फर्जी भुगतान के दो मामले आए हैं। दोनो में पोल्ट्री शेड के लिए मनरेगा से भुगतान किया गया है।
मल्हवारा के मुसाफिर ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में बताया कि उसके पास पोल्ट्री फार्म है ही नहीं और पोल्ट्री शेड के नाम पर तत्कालीन प्रधान व सचिव ने षडयंत्र कर मनरेगा से 41748 रुपये का भुगतान वर्ष 2019-20 में ठीकेदार को कर दिया गया। वहीं इसी गांव के ही निसार अहमद का कहना है कि उनके पास पोल्ट्री फार्म तो है, मगर उन्होंने इसके लिए ब्लाक से कोई अनुदान नहीं लिया है। उनके नाम से षडयंत्र कर पोल्ट्री शेड के नाम पर वर्ष 2019-20 में 48560 रुपये का भुगतान मनरेगा से ठीकेदार को कर दिया गया है।
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जिलाधिकारी के निर्देश पर जांच कराई जा रही है। इसमें दोषी व्यक्ति के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
डा. राजेश कुमार प्रजापति, सीडीओ