यहां बारिश का पानी बचाने में नहीं है दिलचस्पी
संतकबीर नगर बारिश की एक-एक बूंद पानी बचाने में जिले के अधिकारी व अन्य लोग रुचि नहीं दिखा
संतकबीर नगर: बारिश की एक-एक बूंद पानी बचाने में जिले के अधिकारी व अन्य लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं। डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री की पहल पर जल शक्ति मंत्री ने पत्र जारी किया था। तत्कालीन डीएम ने लघु सिचाई विभाग के अधिकारी को नोडल बनाया था। डेढ़ साल गुजर गए, लेकिन जनपद के किसी सरकारी और गैर सरकारी भवनों में रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम नहीं लग सका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर जल शक्ति मंत्री डा. महेंद्र सिंह ने सूबे के सभी जनपदों में सभी शासकीय व अर्धशासकीय भवनों, स्कूलों, कालेजों के भवनों पर अनिवार्य रूप से रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए थे। तत्कालीन डीएम रवीश गुप्त ने शासन के निर्देश पर लघु सिचाई विभाग के अधिकारी को इसके लिए नोडल नामित किया था। कहां-कहां रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा है..? या लगना है..? इसकी रिपोर्ट मांगी थी। आम जनमानस के सहयोग से इसे जन आंदोलन का रूप देने की तैयारी की गई थी।
तत्कालीन डीएम ने जल ही जीवन है, का संदेश देते हुए जनपद के सभी लोगों से बारिश के जल के संचयन के लिए यह प्रणाली लगाने में सहयोग मांगा था। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक स्थलों पर जल संचयन की दिशा में कार्य करने के लिए ताना-बाना बुना गया था। गांव के शासकीय विद्यालयों पर रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम स्थापित करने की पहल हुई थी। किसानों के खेत में, तालाब, रिचार्ज पिट इत्यादि कार्य कराने की तैयारी चल रही थीं। इसके लिए संबंधित ब्लाक के बीडीओ को जिम्मेदारी सौंपी गई थीं। इससे ऐसा प्रतीत हुआ था कि बारिश के पानी को बचाने की दिशा में जिला प्रशासन ठोस पहल कर रहा है लेकिन यह सब पहल और तैयारियां सिर्फ कागजी साबित हुए। धरातल पर यह साकार नहीं हुआ।
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जिले का यह है इतिहास और भूगोल
जिला बना - पांच सितंबर 1997
आबादी - लगभग 18 लाख
किसानों की संख्या - लगभग 3.20 लाख
कुल क्षेत्रफल - 1646 वर्ग किमी
पूरब से पश्चिम की लंबाई- 30 किमी
उत्तर से दक्षिण की लंबाई- 71 किमी
औसतन सामान्य बारिश -1166 मिलीमीटर(एमएम)
-जाड़े का मौसम -नवंबर से फरवरी
-गर्मी का मौसम - मार्च से जून
-वर्षा का मौसम -जुलाई से अक्टूबर
-मिट्टी का प्रकार -हल्की मटियार दोमट
-प्रमुख फसल-धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, अरहर, गन्ना आदि।
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बारिश के पानी को बचाने के लिए रूफ रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाया जाएगा। जल ही जीवन है, इसका महत्व लोगों को समझाया जाएगा। सरकारी और गैर सरकारी भवनों में इस सिस्टम को लगवाने के लिए ठोस पहल की जाएगी। जनपद के सभी लोग इसके लिए आगे आएं।
दिव्या मित्तल, डीएम