यहां बांध बना हुआ है मुसहरों का ठिकाना, अभी तक कोई सरकारी नुमाइंदा नहीं पहुंचा इनके घर Gorakhpur News

कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील के आखिरी छोर पर स्थित एपी बांध के किमी 4.100 प्वाइंट पर बसे 20 मुसहर परिवार आज भी गरीबी की मार झेल रहे हैं। सुविधाओं के नाम पर बांध के स्पर पर बसे इन लोगों के यहां पोल लगे हैं लेकिन कनेक्शन नहीं मिला।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 11:20 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 11:20 AM (IST)
यहां बांध बना हुआ है मुसहरों का ठिकाना, अभी तक कोई सरकारी नुमाइंदा नहीं पहुंचा इनके घर Gorakhpur News
सेवरही ब्लाक के चैनपट्टी गांव में राशन कार्ड दिखातीं मुसहर महिलाएं। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : कुशीनगर जिले के तमकुहीराज तहसील के आखिरी छोर पर स्थित एपी बांध के किमी 4.100 प्वाइंट पर बसे 20 मुसहर परिवार आज भी गरीबी की मार झेल रहे हैं। सुविधाओं के नाम पर बांध के स्पर पर बसे इन लोगों के यहां पोल तो लगे हैं, लेकिन कनेक्शन नहीं मिला। पानी के नाम पर कर्ज लेकर चार निजी हैंडपंप लगवाए है। सरकारी हैंडपंप एक भी नहीं लगा।

एपी बांध पर बनाए हुए हैं बसेरा

ग्राम सभा चैनपट्टी के मुसहर समुदाय के लोग एपी बांध पर झोपड़ी डाल अपना बसेरा बनाए हैं। मुसहर महिलाएं सुनीता, सितम, मैनेजर, अशोक, गुरुबचन, मनोज और गनेश ने बताया कि हमनी के इहा अबहिन ले केहू सरकारी कर्मचारी नईखे आइल। गरीबी के कारण घर बनवाए के खातिर रुपया नईखे। प्रधानजी से आवास बनवावे के कहेलिजा त कहेनि की पट्टा मिली तबे न आवास मिली। भूमिहीन इन परिवारों के लोग सिर्फ वोट देते हैं और कभी कभार इन्हें राशन मिल जाता है। स्वास्थ्य सुविधाएं तो नदारद हैं ही, शिक्षा का भी अभाव है। बांध के इनके लिए कौन-कौन सरकारी योजनाएं संचालित हैं। पूछने पर सुनीता और सितम ने कहा कि आज तक कोई कर्मचारी नहीं आया। गरीबी और अभाव में जीना मजबूरी बताकर अपने भाग्य को कोस रहे लोगों की आंखों और चेहरों पर दर्द दिखाई दे रहा है। गुरुवचन और अशोक की पत्नी ने कहा कि अगर किसी हैंडपंप वाले के घर से झगड़ा हो गया तो वह पानी भी नही देता है। मजबूर होकर नारायणी का पानी पीना पड़ता है । तमकुहीराज के एसडीएम एआर फारुकी ने कहा कि दिखवाते हैं। अगर कहीं जमीन सरकारी मिली तो पट्टा दिया जाएगा।

क्या कहते है बीडीओ

बीडीओ विवेकानंद मिश्र ने कहा कि भूमिहीन पात्रों को आवास तभी मिलेगा जब उनके नाम आवासीय पट्टे की जमीन हो या उनके पास निजी भूमि हो। बगैर भूमि आवास मिलना संभव नही।

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