Coronavirus: गोरखपुर शहर में 128 स्थानों पर कोरोना के मरीज, कंटेनमेंट जोन की ऐसी-तैसी कर रहे लोग Gorakhpur News
कंटेनमेंट जोन के लिए लगाए गए बांस और बल्ली को हटा दे रहे हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इससे मुहल्ले के लोगों को एतराज भी नहीं है। शहर में कुल 128 कंटेनमेंट जाेन बनाए हैं। उक्त सभी जगहों पर कोरोना के मरीज हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण ने लोगों में खाैफ पैदा कर दिया है। सरकार और अधिकारी लगातार बचाव करने, दूरी बनाए रखने और मास्क का प्रयोग करने की अपीलें कर रहे हैं। शहर में कोरोना मरीज मिलने पर बांस-बल्ली लगाकर कंटेंनमेंट जोन घोषित किया जा रहा है, पर शहर के कुछ ऐसे लोग हैं जो पूरी तरह से बेपरवाह बने हुए हैं। कंटेनमेंट जोन के लिए लगाए गए बांस और बल्ली को हटा दे रहे हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इससे मुहल्ले के लोगों को एतराज भी नहीं है। शहर में कुल 128 कंटेनमेंट जाेन बनाए हैं। उक्त सभी जगहों पर कोरोना के मरीज हैं।
वाहन चालकों ने रुस्तमपुर में बांस-बल्ली हटाया
रुस्तमपुर नहर रोड से जुड़ी गली में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद 10 अप्रैल को कंटेनमेंट जोन बनाया गया था। एक दिन तो नागरिकों ने कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन किया लेकिन फिर सब बेपरवाह हो गए। लोग घरों से निकल कर आने-जाने लगे। दोपहिया और चार पहिया वाहन बाहर निकालने में दिक्कत हुई तो बांस-बल्ली निकालकर किनारे रख दिया गया। अब लोग बेधड़क आ-जा रहे हैं। कई तो मास्क भी नहीं लगा रहे हैं।
गोरखनाथ के दस नंबर बोरिंग क्षेत्र भी लापरवाही
रुस्तमपुर की तरह गोरखनाथ थाना क्षेत्र के दस नंबर बोरिंग की भी स्थिति है। यहां भी लोग कोरोना के खतरे से बेपरवाह दिखे। कंटेनमेंट जोन के नियमों को दरकिनार कर नागरिक इधर-उधर आते-जाते रहे। कई तो ऐसे भी मिले जिनको पता भी नहीं था कि जहां से वह गुजर रहे हैं वहां कोरोना संक्रमित मरीज मिला है। इस स्थिति में इस इलाके में आना-जाना प्रतिबंधित है। हालांकि इलाके में ज्यादातर नागरिक मास्क का प्रयोग करते मिले।
128 है कंटेनमेंट जोन की संख्या
शहर में कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़कर अब 128 हो गई है। नगर निगम प्रशासन कंटेनमेंट जोन में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव करा रहा है। इसके साथ ही सफाई भी लगातार कराई जा रही है।
निगरानी समितियों की सक्रियता बढ़े
नगर निगम के उपसभापित ऋषि मोहन वर्मा ने कहा कि निगरानी समितियों में संबंधित क्षेत्र का दारोगा भी शामिल रहते थे। कंटेनमेंट जोन में आने-जाने पर सख्ती से रोक लगी रहती थी। वर्तमान में कोरोना संक्रमित भी बाहर घूम रहे हैं। निगरानी समितियों को फिर से सक्रिय करने की जरूरत है।