'राजधानी' के एक कदम और करीब पहुंचा विश्व का सबसे बड़ा प्लेटफार्म, रेल भवन पहुंची पूर्वांचल की आवाज
Gorakhpur to Rajdhani Express राज्य सभा सदस्य जय प्रकाश निषाद तो दिल्ली पहुंचकर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को ज्ञापन भी सौंप आए हैं। रेलमंत्री ने राज्य सभा सदस्य का ज्ञापन तो लिया ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चर्चा करते हुए कहा कि योगी का शहर है तो राजधानी तो जाएगी ही।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Gorakhpur to Rajdhani Express: गुरु गोरक्षनाथ की पावन धरती गोरखपुर में उद्योग और पर्यटन को राजधानी की रफ्तार देने की कवायद परवान चढऩे लगी है। रामायण और बौद्ध सर्किट की हृदय स्थली में रोजाना हजारों की संख्या में आवागमन करने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों, जनप्रतिनिधियों और उद्यमियों की राह आसान बनाने वाली राजधानी को चलाने की मांग को पंख लग गए हैं। अब तो भारतीय रेलवे के सबसे पुराने जोन में से एक पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय के गोरखपुर स्थित विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म (1366.44 मीटर) पर राजधानी सहित वंदे भारत, शताब्दी और दूरंतों जैसी देश की प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने के लिए पूर्वांचल की आवाज राजधानी दिल्ली के रेल भवन तक पहुंच गई है।
राज्यसभा सदस्य जय प्रकाश निषाद ने रेलमंत्री को सौंपा ज्ञापन
दैनिक जागरण की हमें चाहिए राजधानी मुहिम को अपना समर्थन देते हुए राज्य सभा सदस्य जय प्रकाश निषाद तो दिल्ली पहुंचकर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को ज्ञापन भी सौंप आए हैं। रेलमंत्री ने राज्य सभा सदस्य का ज्ञापन तो लिया ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चर्चा करते हुए कहा कि योगी जी का शहर है तो राजधानी तो जाएगी ही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस मुद्दे को लेकर रेलमंत्री से वार्ता करने का आश्वासन दिया है। उनका कहना है कि गोरखपुर होकर राजधानी चलाने का प्रयास किया जाएगा। जनप्रतिनिधि ही नहीं पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन और रेलवे कर्मचारी संगठनों ने भी राजधानी सहित भारतीय रेलवे की प्रमुख ट्रेनों को पूर्वांचल में तेजी से तैयार हो रहे औद्योगिक हब और गोरखपुर-बस्ती मंडल की दो करोड़ से अधिक की आबादी की जरूरत बताई है।
राजधानी के लिए तैयार है एनईआर का ट्रैक
रेलवे प्रशासन ने न सिर्फ दैनिक जागरण की मुहिम के समर्थन में बोर्ड को पत्र लिखा है, बल्कि बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा (लगभग 425 किमी) राजधानी एक्सप्रेस के चलने लायक तैयार भी कर दिया है। एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) और पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) रेलमंत्री को संबोधित ज्ञापन महाप्रबंधक को सौंप चुके हैं। इन संगठनों को मलाल है कि धर्म और क्रांति की संगम स्थली से आज तक राजधानी सहित देश की प्रमुख ट्रेनें नहीं चल सकीं।