गोरखपुर में कम हो रहा नदियों का जलस्तर, लेकिन बाढ़ का खतरा बरकरार Gorakhpur News
गोरखपुर की प्रमुख नदियों के जलस्तर में गिरावट जारी है। कुछ दिन पहले खतरे के निशान से करीब एक मीटर तक ऊपर बह रही रोहिन नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से भी नीचे आ गया है। यह नदी खतरे के बिन्दु से करीब डेढ़ मीटर नीचे बह रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर की प्रमुख नदियों में बुधवार को भी गिरावट दर्ज की गई लेकिन कुछ क्षेत्रों में कटान जारी है। ऐसे में प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। कुछ दिन पहले खतरे के निशान से करीब एक मीटर तक ऊपर बह रही रोहिन नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर से भी नीचे आ गया है। यानी यह नदी खतरे के बिन्दु से करीब डेढ़ मीटर नीचे बह रही है। राप्ती नदी के जलस्तर में भी कमी बरकराकर है। सरयू नदी का जलस्तर भी अयोध्या पुल के पास घट रही है। सहजनवां क्षेत्र में आमी नदी के पानी से कई गांव घिर गए हैं।
बाढ चौकियां सक्रिय
बुधवार की सुबह रोहिन नदी का जलस्तर 81.08 मीटर दर्ज किया गया। इसके जलस्तर में गिरावट जारी है। इसी तरह राप्ती नदी का जलस्तर 73.49 दर्ज किया गया। राप्ती भी चेतावनी बिन्दु से नीचे बह रही है और जलस्तर में गिरावट जारी है। जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि नदियों के जलस्तर में गिरावट है लेकिन सभी टीमों को सतर्क कर दिया गया है। बाढ़ चौकियां सक्रिय हो चुकी हैं।
आमी के पानी से घिरा गांव, ग्रामीणों का सहारा बनी नाव
राप्ती नदी के जलस्तर में कमी के कारण बाढ़ से थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन आमी नदी धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। ब्लाक का हरदी तथा गहिरा गांव आमी नदी के बाढ़ के पानी से घिर गया है, जिससे दोनों गांवों के लोगों के आने-जाने के लिए नाव सहारा बन रही है। साथ ही दोनों गांव मैरूड होने के करीब पहुंचे गए। प्रशासन के तरफ से अभी तक किसी भी गांव में नाव की व्यवस्था नहीं की गई है।
बंधे पर कटान जारी
राप्ती नदी के पानी में कमी के कारण सहजनवां-डुमरिया बाबू बांध के सिसई और टिकरिया गांव के पास कटान अभी भी नहीं रुका है। सुरगहना में बना स्पर भी कट कर नदी में विलीन होने लगा है, जिससे गांव के लोग नदी उफनाने पर बाढ़ का कहर झेलने की आशंका से दहशत में जीने को मजबूर है। राप्ती नदी सुरगहना गांव के पास बने स्पर को तेजी से काट कर नदी में विलीन कर रही है, जिससे बांध पर भी दबाव बन रहा है। सहजनवां ब्लाक में आमी नदी तांडव मचाने को बेकरार दिख रही है।
पानी से घिरा गांव, रास्ता बंद
गहिरा तथा हरीद गांव पानी से घिर चुका है और रास्ता बंद हो गया, जिससे गांव के लोग अपनी निजी नाव से जाने को मजबूर है। ग्रामीण धर्मदेव मिश्र, सर्वजीत, हर्षवर्धन, जितेंद्र आदि ने कहा कि गांव कभी भी मैरुंड हो सकता है लेकिन अभी तक तहसील प्रशासन के तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। नाव की मांग किया गया मगर अभी तक उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। तहसीलदार शशि भूषण पाठक ने कहा कि कोइ गांव अभी मैरूड नहीं है, जिससे नाव नहीं लगाई गई है।