यहां के टेराकोटा उत्‍पाद पहुंचाए जाएंगे यूरोप के बाजारों में, बनाई जा रही योजना

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल टेराकोटा उत्पादों को यूरोप के बाजार तक भी पहुंचाया जाएगा। टेराकोटा शिल्पकारों के गांव में निरीक्षण करने आए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआइआइ) के निदेशक सुनील कुमार शुक्ल ने यह घोषणा की।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 05:17 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 05:17 PM (IST)
यहां के टेराकोटा उत्‍पाद पहुंचाए जाएंगे यूरोप के बाजारों में, बनाई जा रही योजना
गुलरिहा बाजार में टेराकोटा के शिल्पकार राजन प्रजापति से जानकारी लेते ईडीआइआइ के डायरेक्टर डा.सुनील कुमार शुक्ल। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) में शामिल टेराकोटा उत्पादों को यूरोप के बाजार तक भी पहुंचाया जाएगा। टेराकोटा शिल्पकारों के गांव में निरीक्षण करने आए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआइआइ) के निदेशक सुनील कुमार शुक्ल ने यह घोषणा की। उन्होंने शिल्पकारों के कलाकृतियों की तारीफ करते हुए कहा कि नेशनल बैंक आफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) के साथ मिलकर टेराकोटा उत्पादों को यूरोप के बाजार तक पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।

ईडीआइआइ के निदेशक पहुंचे गुलरिहा बाजार

ईडीआइआइ के निदेशक गुलरिहा बाजार पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने शिल्पकार हरिवंश प्रसाद व रामजी प्रसाद द्वारा तैयार कलाकृतियों को देखा। दोनों शिल्पकारों ने उन्हें बताया कि प्रदेश सरकार के प्रोत्साहन के बाद अब उन्हें सीधे उपभोक्ताओं से आर्डर मिलने लगे हैं। लोग जन्मदिन, विदाई समारोह आदि कार्यक्रमों में प्लास्टिक से बने सामान देने की बजाय टेराकोटा की कलाकृतियों को उपहार स्वरूप दे रहे हैं। शिल्पकारों ने इस बदलाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया। इसके बाद निदेशक शिल्पकार राजन प्रजापति के घर पहुंचे। वहां एक से बढ़कर एक कलाकृतियां देखकर वह काफी प्रभावित हुए। उन्होंने राजन से टेराकोटा के बाजार के बारे में जानकारी ली।

यहां की कलाकृतियों की बड़े शहरों में काफी मांग

राजन ने बताया कि यहां की कलाकृतियों की बंगलूरू, अहमदाबाद, मुंबई, हैदराबाद जैसे शहरों में खूब मांग है। राजन ने बताया कि अहमदाबाद के पार्कों में सजाने के लिए उसे टेराकोटा की बड़ी हाथियों की मूर्तियों को बनाने का आर्डर मिला है। इसको लेकर तेजी से काम चल रहा है। इसके अलावा टेराकोटा के मछली बास्केट, कछुआ की मांग भी दक्षिण भारत के प्रदेशों में काफी बढ़ गई है। निदेशक ने कहा कि यहां तैयार की जाने वाली कलाकृतियां काफी आकर्षक हैं। इनके विस्तार की काफी संभावना है। ईडीआइआइ के परियोजना अधिकारी मुकुल बेदी ने बताया कि नाबार्ड के साथ मिलकर शिल्पकारों की समस्याओं का समाधान कराया जा रहा है। इसके लिए शिल्पकारों की कंपनी भी बनाई गई है। निरीक्षण के दौरान कंपनी के के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स के सदस्य रवींद्र कुमार प्रजापति, अंजनी कुमारी, अमरनाथ प्रजापति आदि उपस्थित रहे।

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