Gorakhpur weather news: दिन-ब-‍दिन गिर रहा पारा, 20 दिसंबर तक पड़ने लगेगी कड़ाके की ठंड

Gorakhpur weather news दिन-ब-दिन पारा गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है सो ठंड पुरजोर तरीके से पड़नी शुरू हो गई है। 14 नवंबर की सुबह का तापमान इसकी तस्दीक है। 14 नवंबर को सुबह गोरखपुर का तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 01:43 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 01:43 PM (IST)
Gorakhpur weather news: दिन-ब-‍दिन गिर रहा पारा, 20 दिसंबर तक पड़ने लगेगी कड़ाके की ठंड
गोरखपुर में 20 दिसंबर तक पड़ने लगेगी कड़ाके की ठंड। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। दिन-ब-दिन पारा गिरने का सिलसिला शुरू हो गया है, सो ठंड पुरजोर तरीके से पड़नी शुरू हो गई है। 14 नवंबर की सुबह का तापमान इसकी तस्दीक है। 14 नवंबर को सुबह गोरखपुर का तापमान 14.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ, जो मौसम के मानक पर औसत न्यूनतम तापमान से दशमलव आठ डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय यह सिलसिला अनवरत जारी रहने का पूर्वानुमान जता रहे हैं।

20 दिसंबर तक 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाएगा पारा

मौसम विज्ञानी के मुताबिक 20 दिसंबर तक यह सिलसिला गुलाबी ठंड से कड़ाके की ठंड में तब्दील हो जाएगा। न्यूनतम तापमान गिरकर 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगेगा। अधिकतम तापमान भी 25 डिग्री सेल्सियस से आगे नहीं बढ़ पाएगा। ठंड बढ़ने की वजह वह पछुआ हवाएं होंगी, जो पश्चिमोत्तर की पहाड़ों से ठंड लेकर आएंगी। मौसम विज्ञानी यह भी बता रहे हैं कि इस बार की ठंड नए रिकार्ड बनाएगी। इसकी वायुमंडलीय परिस्थितियां तैयार हो रही हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो गया है।

पछुआ हवाओं ने बढ़ाया शहर का प्रदूषण

दोपहर तक चल रही पुरवा हवाओं और दोपहर बाद चल रही पछुआ हवाओं ने शहर का प्रदूषण बढ़ा दिया है। बंगाल की खाड़ी की ओर से चल रहीं पुरवा हवाएं उच्च वायुदाब बना रही है, ऐसे में पछुआ हवाओं के माध्यम से पश्चिम की ओर से आ रहा प्रदूषण शहर के वायुमंडल में उलझ कर रह जा रहा है। 14 नवंबर को एयर क्वालिटी इंडेक्स का 320 तक पहुंच जाना इसकी तस्दीक है। शहर और आसपास के क्षेत्र में कुहरा पड़ने के सिलसिले की यही वजह है।

दीपावली की वजह से से बढा प्रदूषण

मौसम विज्ञानी प्रदूषण बढ़ने की एक बड़ी वजह दीपवाली के दिन हुई आतिशबाजी बता रहे हैं। कुछ स्थानों पर खेतों में जलाई जा रही पराली भी प्रदूषण को बढ़ाने का कारण बन रही है। इसी वजह से मौसम विज्ञान किसानों से खेतों में पराली न जाने का अनुरोध कर रहे हैं। प्रदूषण की वजह से वह लोगों को बिना जरूरत घर से कम निकलने की सलाह भी दे रहे हैं।

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