घर से किशोरी निकली थी जरूरी काम से, हत्या कर फेंक दिया शव
बस्ती के पाल्हा गांव के बाहर स्थित पानी की टंकी के बाउंड्री वाल के पास 16 वर्षीय किशोरी का शव मिला। आशंका जताई जा रही है कि हत्या कर शव वहां फेंका गया है। वह घर से जरूरी काम से निकली थी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : बस्ती के नगर थाना क्षेत्र के पाल्हा गांव के बाहर स्थित वाटर हेड टैंक की बाउंड्री वाल के पास 16 वर्षीय किशोरी का शव बरामद हुआ है। पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी कलवारी व प्रभारी निरीक्षक नगर ने मौके पर पहुंच कर घटना स्थल का निरीक्षण किया। फोरेेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए। लाेगों ने किशोरी की हत्या की आशंका जताई है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
किशोरी की पहचान बहादुरपुर गांव की अर्चना के रूप में हुई
किशोरी की पहचान लालगंज थाना क्षेत्र के बहादुरपुर शुक्ल गांव की 16 वर्षीय अर्चना पुत्री स्व.मांझी प्रसाद के रूप में की गई है। वह सुबह नौ बजे किसी कार्य से घर से निकली थी। एक घंटे बाद उसका शव गांव के कुछ बच्चों ने वाटर हेड टैंक के नीचे बाउंड्रीवाल के किनारे देखा तो शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के तमाम लोग एकत्र हो गए। थोड़ी देर बाद मृतका का भाई पिंटू वहां पहुंच गया और बहन का देखते ही रोने लगा। मौके पर पहुंचे लोगों के बीच अर्चना की मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी। ग्रामीणों की सूचना पर नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पूछताछ कर ही रही थी, इसी बीच पुलिस अधीक्षक भी मौके पर पहुंच गए। एसपी ने किशोरी के स्वजन से मिलकर घटना के बारे में पूछताछ की।
अज्ञात के विरुद्ध दर्ज किया गया है मुकदमा
पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि प्रथम द्ष्टया देखने से प्रतीत हो रहा है कि किशोरी की हत्या की गई है। इस संबंध में अन्य जानकारी करने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। स्वजन से तहरीर लेकर अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
ट्रेन की चपेट में आने से युवक की मौत
ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गई। वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के बारगाह बिलौड़ी गांव के समीप शाम को अप ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से 35 वर्षीय युवक की मौत हो गई। मौके पर एकत्रित लोगों में से किसी ने वाल्टरगंज पुलिस को घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंचे उप निरीक्षक ललित कांत यादव व सुरेंद्र सिंह ने शव को कब्जे में ले लिया। पूछताछ के दौरान प्रधान प्रतिनिधि बहेरिया अनिल मिश्रा ने बताया कि मृतक पिछले तीन साल से उनके गांव में रहता था। उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी। उसे लोग मोहन के नाम से पुकारते थे, मगर उसका सही नाम और पता किसी को मालूम नहीं हैं। पूछने पर वह कुछ बता भी नहीं पाता था। बोलचाल की भाषा से वह बिहार का रहने वाला प्रतीत होता था।