वेटनरी कालेज के लिए जमीन देखने मथुरा से आ रही टीम, अब निर्माण के लिए तैयार होगा आधार Gorakhpur News

डीयूवीएएसयू पशुचिकित्सा में प्रदेश का इकलौता विश्वविद्यालय है। फैजाबाद पशुचिकित्सा महाविद्यालय इसका इकलौता कालेज है। दूसरा गोरखपुर में बनना है पर अभी तक डीपीआर ही तैयार नहीं है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 08:00 AM (IST)
वेटनरी कालेज के लिए जमीन देखने मथुरा से आ रही टीम, अब निर्माण के लिए तैयार होगा आधार Gorakhpur News
वेटनरी कालेज के लिए जमीन देखने मथुरा से आ रही टीम, अब निर्माण के लिए तैयार होगा आधार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (डीयूवीएएसयू) मथुरा का गोरखपुर, दूसरा महाविद्यालय होगा। इसके डीपीआर के लिए डीयूवीएएसयू के डीन गुरुवार दोपहर साढ़े 12 बजे फ्लाइट से गोरखपुर आ रहे हैं। उनके साथ इंजीनियर की टीम भी होगी। वह भूमि देखने के बाद डीपीआर तैयार करेगी।

भूमि निरीक्षण के बाद ही होगा निर्माण

डीयूवीएएसयू पशुचिकित्सा में प्रदेश का इकलौता विश्वविद्यालय है। फैजाबाद पशुचिकित्सा महाविद्यालय इसका इकलौता कालेज है। दूसरा गोरखपुर में बनना है, पर अभी तक इसका डीपीआर ही तैयार नहीं है। कालेज के लिए घोषणा वर्ष भर पूर्व ही हो गई थी। डीयूवीएएसयू डीन द्वारा भूमि का अवलोकन करने के बाद कालेज निर्माण में तेजी आएगी। दोपहर में उन्हें रिसीव करने के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी एयरपोर्ट जाएंगे। वेटेनरी कालेज के लिए चरगांवा में 30 एकड़ भूमि आरक्षित की गई है। भूमि के अवलोकन के बाद तय होगा कि महाविद्यालय के लिए एडमिस्ट्रेटिव ब्लाक, क्लासरूम, डाइग्नोस्टिक लैब, क्नीनिक, ब'चों के रहने के लिए हास्टल, टीचिंग आवास के लिए जगह निर्धारित होगी।

कालेज पूर्वांचल के लिए बड़ी सौगात

पूर्वांचल के युवाओं, पशुपालकों के लिए पशु चिकित्सालय महाविद्यालय बड़ी सौगात है। इससे युवा वर्ग को बड़ा लाभ मिलेगा। उनकी बेरोजगारी दूर होगी। साथ ही पशुपालकों को यह लाभ उन्नत नस्ल के पशुपालन की जानकारी के साथ मवेशियों के इलाज की सुविधा मिलेगी।

अवलोकन के बाद आएगी तेजी

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.डी.के.वर्मा का कहना है कि कालेज के लिए मुख्यमंत्री पहले ही हरी झंडी दे चुके हैं। डीन द्वारा भूमि अवलोकन के बाद निर्माण कार्य में तेजी आएगी। अवलोकन के बाद ही डीपीआर तैयार होगा। डीपीआर तैयार होने के बाद भी भवन की लागत आदि चीजें निर्धारित हो सकेंगी।

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