UP board exam: शिक्षकों ने दिया सुझाव, सुधार होने पर ही नई तिथि घोषित करे सरकार Gorakhpur News

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार के इस निर्णय पर सभी ने अपनी मुहर लगा दी है। परीक्षा स्थगित करने के फैसले पर सभी का यही कहना है परीक्षा जरूरी है लेकिन खुद की सुरक्षा को दरकिनार कर परीक्षा नहीं कराई जा सकती।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 02:06 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 02:06 PM (IST)
UP board exam: शिक्षकों ने दिया सुझाव, सुधार होने पर ही नई तिथि घोषित करे सरकार Gorakhpur News
उत्‍तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा परिषद का प्रतीकातमक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। सीबीएसई के बाद गुरुवार को यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा भी टल गई। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने परीक्षा को फिलहाल 20 मई तक के लिए स्थगित कर दिया है। नई तिथि 20 मई के बाद तय की जाएगी। सरकार के निर्णय से एक बार फिर शिक्षक, छात्र व अभिभावक परीक्षा को लेकर असमंजस में है। हालांकि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए सरकार के इस निर्णय पर सभी ने अपनी मुहर लगा दी है। परीक्षा स्थगित करने के फैसले पर सभी का यही कहना है परीक्षा जरूरी है, लेकिन खुद की सुरक्षा को दरकिनार कर परीक्षा नहीं कराई जा सकती।

छात्रों ने कहा, कोरोना के बढ़ते मामले को देखते यही था विकल्प

छात्र किशन कुमार का कहना है कि छात्रहित में बोर्ड परीक्षा स्थगित करना सही निर्णय है। उम्मीद है कि परीक्षा ज्यादा समय तक स्थगित नहीं रहेगी। सरकार विद्यार्थियों को पर्याप्त समय देकर परीक्षा कराएगी।  छात्र संदेश कुमार का कहना है कि घर पर तैयारी कर रहे थे। दो बार परीक्षा स्थगित होने से तैयारी व आत्मविश्वास में कमी आई है। अब सरकार को स्थिति में सुधार होने पर परीक्षा कराने पर विचार करना चाहिए। छात्रा समृद्धि पांडेय का कहना है कि परीक्षा टलने से हम हतोत्साहित हो गए हैं। हालांकि वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए परीक्षा टालना ही सरकार के पास विकल्प बचा था। पहले छात्रों की सुरक्षा जरूरी है। छात्रा अनुपमा शाह का कहना है कि बोर्ड परीक्षा फिलहाल स्थगित करने का फैसला सही है। परीक्षा टलने से उन विद्यार्थियों के मनोबल पर प्रभाव, पड़ेगा, जो तैयारियों में दिन-रात जुटे हुए थे।

सुरक्षित रहेंगे बच्‍चे तभी करेगे पढ़ाई

एडी इंटर कालेज की प्रधानाचार्य रेमी यादव का कहना है कि परीक्षा स्थगित होना छात्र-छात्राओं के हित में है। इस समय कोरोना का संक्रमण तेज है। बच्चे सुरक्षित रहेंगे तभी पढ़ाई करेंगे। सरकार स्थिति   सुधरने पर परीक्षा की तिथि घोषित करे। वहीं राजकीय जुबिली इंटर कालेज के प्रवक्‍ता डा. डीके सिंह का कहना है कि बार-बार परीक्षा टलने से बच्चों के पढऩे का क्रम टूटता है। तैयारी भी प्रभावित होती है। इस समय परीक्षा टालना ही एकमात्र विकल्प था। जिससे बच्चे सुरक्षित रह सके। अभिभावक आलोक सिंह विशेन और ईं. धर्मेंद्र कृष्‍ण त्रिपाठी का कहना है कि परीक्षाएं दो बार टल चुकी है। परीक्षा की अगली तिथि ऐसी हो, जिससे बच्चे सुरक्षित रहकर परीक्षा दे सकें। इस पर सरकार व विभाग को विचार करना चाहिए। सीबीएसई की तरह यूपी बोर्ड के हाईस्कूल के छात्रों को भी उत्तीर्ण करने पर विचार करना चाहिए। साथ ही स्थिति में सुधार होने पर बारहवीं की परीक्षा कराई जाए।

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