PM Modi visit to Siddharthnagar: जगी आस, रोटी-बेटी के रिश्तों में घुलेगी सेहत की मिठास
PM Modi visit to Siddharthnagar सिद्धार्थनगर में मेडिकल कालेज खुलने से दोनों देशों के रिश्तों में नए आयाम स्थापित होने की उम्मीद है। यह मेडिकल कालेज न सिर्फ भारत की डेढ़ करोड़ आबादी के लिए मुफीद होगा वरन मधेशियों के लिए भी सेहत की सौगात साबित होगा।
गोरखपुर, जितेंद्र पाण्डेय। PM Modi visit to Siddharthnagar: भारत व नेपाल के बीच आदिकाल से रोटी-बेटी का संबंध रहा। माओवादी विचारधारा ने इसे बिगाड़ने का कुत्सित प्रयत्न किया, लेकिन असफल रहे। अब जबकि 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिद्धार्थनगर को मेडिकल कालेज की सौगात देने आ रहे हैं तो इससे दोनों देशों के रिश्तों में नए आयाम स्थापित होने की उम्मीद है। यह मेडिकल कालेज न सिर्फ भारत की डेढ़ करोड़ आबादी के लिए मुफीद होगा, वरन मधेशियों के लिए भी सेहत की सौगात साबित होगा। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और प्रगाढ़ होंगे।
मधेशियों की सेहत के लिए वरदान साबित होगा सिद्धार्थनगर का मेडिकल कालेज
अभी तक आंख के आपरेशन के लिए भारत के सीमाई क्षेत्र के अधिकांश मरीजों को नेपाल के भैरहवा जाना पड़ता था। उसकी वजह है कि आंख के आपरेशन के लिए भैरहवा का अस्पताल बेहतर माना जाना है। यहां तक कि नेपाल के पोखरा स्थित मेडिकल कालेज में भारत के सीमाई क्षेत्रों के मरीज जाया करते हैं। एक-दूसरे के सुख-दुख में भागीदारी की देन है कि भारत-नेपाल दुनियां में गहरे मित्र के रूप में जाने जाते हैं। आगामी 25 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर से प्रदेश के सात मेडिकल कालेजों का उद्घाटन होना है। इसमें देवरिया, एटा, गाजीपुर, हरदोई, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ जैसे बड़े जिले भी शामिल हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन के लिए सिद्धार्थनगर जिला ही चुना।
हृदय रोग के उपचार और सर्जरी के लिए मरीजों को नहीं जाना होगा बाहर
जानकारों का मानना है कि नेपाल को यह संदेश जाए कि भारत को यहां के सीमांत नागरिकों के साथ-साथ नेपाल की सम्मानित जनता के सेहत की भी फिक्र है । स्वास्थ सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री कृत संकल्पित हैं । वह चाहते हैं कि हर जिले में एक मेडिकल कालेज हो। उनकी इस संकल्पना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साकार कर रहे हैं। प्रदेश में जैसे ही उनकी सरकार बनीं, उन्होंने नेपाल सीमा से सटे सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कालेज का शिलान्यास कर दिया। यह मेडिकल कालेज सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बलरामपुर जैसे जिलों के साथ नेपाल के रूपनदेही, कपिलवस्तु, दांग, नेपालगंज सहित करीब दर्जन भर जिलों के सेहत का ख्याल रखेगा। यहां उनका आसानी से इलाज हो सकेगा।
नेपाल के लोगों को यह होगा फायदा
आंख के आपरेशन के लिए लोगों को भैरहवा जाने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सिद्धार्थनगर मेडिकल कालेज में आसानी से आंख का आपरेशन हो सकेगा। यहां अब सिर्फ नेत्र चिकित्सक ही नहीं, बल्कि उनकी एक फैकल्टी होगी। कहीं कुछ कठिनाई आएगी तो चिकित्सकों की टीम एक दूसरे से ग्रुप डिस्कशन करके जटिल से जटिल आपरेशन कर सकेगी। मेडिकल कालेज का उद्घाटन होने से सिर्फ नेत्र के रोगियों को ही नहीं, बल्कि हृदय, उदर सहित सभी बीमारियों के उपचार में लोगों को इसका लाभ मिलेगा। ऐसे में सिद्धार्थनगर सहित आस-पास के जिलों के लोगों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। नेपाल सीमा से यह मेडिकल कालेज करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में नेपाल को भी इसका बड़ा लाभ मिलेगा।
बढ़ेगी नेपाल के मरीजों की संख्या
जिला अस्पताल की ओपीडी रोजाना करीब 1000 से 1500 मरीजों की है। इसमें करीब 300 से 400 मरीज नेपाल के होते हैं। इसके अलावा यहां के निजी अस्पतालों में भी नेपाल के मरीजों की भारी भीड़ होती है। इन मरीजों की संख्या में अब इजाफा होगा। प्राचार्य का कहना है मेडिकल कालेज में कुल 17 डिपार्टमेंट स्थापित होंगे। इसमें से नौ की सेवाएं 25 अक्टूबर से ही शुरू हो जाएंगी। इन सेवाओं की शुरुवात के साथ यहां नेपाल के मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी।
कालेज में इतने की हो चुकी है तैनाती
प्रोफेसर- 4,
एसोसिएट प्रोफेसर-8
असिस्टेंट प्रोफेसर-20
जूनियर रेजीडेंट-50
सीनियर रेजीडेंट-15
इसके अलावा जिला अस्पताल की भी टीम का विलय मेडिकल कालेज में हो चुका है।
वाहन में ही हो सकेगा इमरजेंसी रोगियों का इलाज
मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा.सलिल श्रीवास्तव ने कहा कि यह मेडिकल कालेज भारत-नेपाल के संबंध को और मजबूती देगा। जब तक यहां जिला चिकित्सालय की इमरजेंसी थी, इसमें एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक वार्ड ब्वाय होते थे, लेकिन अब यहां चार सदस्यीय चिकित्सकों की एक टीम होगी, जो जरूरत पड़ने पर मेडिकल कालेज आने वाले मरीज को वाहन में ही उपचार उपलब्ध कराएगी।