बदलेगी गोरखपुर की तस्वीर, 32 अरब 68 करोड़ रुपये खर्च कर बदली जाएगी शहर की सूरत
गोरखपुर को जलभराव मुक्त बनाने में 32 अरब 68 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। लिडार सर्वे के आधार पर मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। कुल 2352 किलोमीटर लंबा ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाएगा। पहले से बने नाले-नालियों को भी सुधारा जाएगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Development Of Gorakhpur: गोरखपुर शहर को जलभराव मुक्त बनाने में 32 अरब 68 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। लिडार सर्वे के आधार पर मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। कुल 2352 किलोमीटर लंबा ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाएगा। पहले से बने नाले-नालियों को भी सुधारा जाएगा। लिडार सर्वे के आधार पर मेडिकल कालेज रोड के किनारे का नाला बनाने पर मंथन शुरू हो गया है।
यह है लिडार सर्वे
लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग सर्वे (लिडार) काफी एडवांस तकनीक है। इसमें हेलीकाप्टर से निर्धारित स्थान का हवाई सर्वे किया जाता है। हेलीकाप्टर के ऊपर लेजर से लैस उपकरण होते हैं। लेजर से जमीन पर मौजूद हर वस्तु की सही जानकारी मिल जाती है। इसमें जमीन पर रास्ता कैसा है, कहां गड्ढे हैं, कहां ऊंचाई है या फिर कहां नदी और नाले हैं। यदि नाला बने तो ढाल किस तरफ हो इसकी भी जानकारी मिल जाती है। पूरे इलाके की लंबाई-चौड़ाई आदि की सटीक जानकारी होने के कारण भविष्य की जरूरतों के अनुसार विकास कार्य कराए जाते हैं।
फैक्ट फाइल
कंक्रीट ड्रेन - 1603.95 किलोमीटर
पाइप ड्रेन - 199.39 किलोमीटर
नए ड्रेन पर खर्च - 2597.60 करोड़
सुधार पर खर्च - 515 करोड़
पांच फीसद के साथ कुल खर्च - 32 अरब 68 करोड़ 23 लाख 26 हजार 193 रुपये
यह हैं पुराने नाले
नाला लंबाई
बहरामपुर 2.30 किलोमीटर
बरगदवा 2.50 किलोमीटर
बसंतबाघर 4.0 किलोमीटर
बसंतपुर-नरकटिया 0.4 किलोमीटर
बसियाडीह 8.50 किलोमीटर
डोमिनगढ़ 12.50 किलोमीटर
घसियारी 0.96 किलोमीटर
गोल्फ ग्राउंड 1.71 किलोमीटर
गोड़धइया 9.40 किलोमीटर
ग्रीन सिटी फेज दो 1.39 किलोमीटर
हांसापुर 6.16 किलोमीटर
इलाहीबाग 5.37 किलोमीटर
कटनिया महेवा 5.24
कूड़ाघाट 1.67
महेसरा मोहरीपुर 3.79
मिर्जापुर 1.78
मोहद्दीपुर पावर हाउस 1.44
पैडलेगंज 2.77
रफी अहमद किदवई 1.01
सुभाष चंद्र बोस नगर 1.85
स्टेपिंग स्टोन 2.40
ट्रांसपोर्टनगर 1.94
120 करोड़ से पंप स्टेशनों का जीर्णोद्धार
शहर के पुराने नालों के साथ ही पंप स्टेशनों का 120 करोड़ रुपये से जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसी रुपये से नगर निगम क्षेत्र में कई छोटे पंपिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।
तीन एसटीपी भी बनेगा
ड्रेनेज सिस्टम तैयार होने के साथ ही राप्ती और रोहिन नदियों में गंदा पानी गिरने से रोकने के लिए जल निगम तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगवाएगा। एसटीपी के लिए 922 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर नमामि गंगे परियोजना को भेजा जा चुका है। सूरजकुंड, डोमिनगढ़ और महेवा में प्लांट बनेगा। शहर का पानी रामगढ़ताल में गिरने से रोकने के लिए दो एसटीपी बनाए गए हैं। महादेव झारखंडी के पास 15 एमएलडी और शहीद अशफाक उल्ला खांं प्राणी उद्यान के पास 30 एमएलडी का प्लांट स्थापित है। पैडलेगंज में जल निगम ने सीवेज पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) बनाया है।
नगर निगम में हुई बैठक
मेडिकल कालेज रोड के किनारे के नाले को ठीक करने के लिए नगर आयुक्त अविनाश सिंह के निर्देश पर लिडार सर्वे करने वाली एजेंसी के जिम्मेदारी नगर निगम पहुंचे। नगर आयुक्त के साथ ही उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल और मुख्य अभियंता सुरेश चंद की मौजूदगी में मेडिकल कालेज रोड पर हुए सर्वे पर मंथन किया गया। अब कमिश्नर रवि कुमार एनजी के सामने इस पर चर्चा की जाएगी।
मेडिकल रोड का नाला बन रहा बाधा
दो साल पहले जब मेडिकल कालेज रोड के किनारे लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) ने नाला बनाना शुरू किया, तभी इसकी ऊंचाई पर सवाल उठने लगे थे। नगर निगम के अफसरों ने आपत्ति जताई थी तो जनप्रतिनिधियों ने भी जलनिकासी को लेकर चिंता जताई थी। अब यही नाला प्रस्तावित ड्रेनेज सिस्टम में बाधा बनता दिख रहा है।
शुक्रवार को नगर आयुक्त अविनाश सिंह के साथ लिडार सर्वे करने वाली कंपनी के अफसरों की हुई बैठक में मेडिकल कालेज रोड का नाला सर्वाधिक चर्चा में रहा। एक अधिकारी के मुताबिक टीम ने इस नाले को काफी ऊंचाई पर बताते हुए इसमें सुधार की काफी गुंजाइश बताई है।
बताया जा रहा है कि यह नाला कुछ स्थानों पर मोहल्लों के नाले-नालियों से दो मीटर से भी ज्यादा ऊंचा है। इससे मोहल्लों का पानी मेडिकल कालेज रोड नाले में सीधे नहीं आ सकता है। वहीं, नाले की चौड़ाई भी कम है, जिससे प्रवाह प्रभावित हो सकता है। इस संबंध में नगर आयुक्त का कहना है कि प्रस्तावित डीपीआर पर कंपनी के अफसरों के साथ शनिवार को विस्तृत चर्चा की जाएगी। इसके बाद पूरी रिपोर्ट कमिश्नर के सामने रखी जाएगी।