दरवाजा बंद कर अस्‍पताल में सो रही थी स्‍टाफ नर्स, ज्‍वाइंट मजिस्ट्रेट पहुंचे तो जानिए क्‍या हुआ

देर रात ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी सदर साईंतेजा सीलम ने महराजगंज जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परतावल का निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले 30 शैय्या महिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स लक्ष्मी गुप्ता दरवाजा बंद कर स्टाफ रूम में सोती मिलीं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 09:05 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:05 AM (IST)
दरवाजा बंद कर अस्‍पताल में सो रही थी स्‍टाफ नर्स, ज्‍वाइंट मजिस्ट्रेट पहुंचे तो जानिए क्‍या हुआ
परतावल सीएचसी का निरीक्षण करते ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सांईतेजा सीलम। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : देर रात ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उपजिलाधिकारी सदर साईंतेजा सीलम ने महराजगंज जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परतावल का निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले 30 शैय्या महिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स लक्ष्मी गुप्ता दरवाजा बंद कर स्टाफ रूम में सोती मिलीं। दरवाजा खोलवाकर नाराजगी व्यक्त करते हुए फटकार लगाई। ड्यूटी में तैनात शेष दो नर्स भी मौके पर उपस्थित नहीं थी।

कुछ देर बाद पहुंच गई दोनों नर्स

एसडीएम के पहुंचने के कुछ देर बाद दोनों नर्स पहुंच गई और सफाई देने लगीं। इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात डा. अनिल जासवाल से प्रसव के बारे में पूछा। डा. ने बताया कि आज पांच प्रसव हुआ है, लेकिन अस्पताल में प्रसव वाले दो ही मरीज मिले। तीन मरीजों की छुट्टी कर दी गई थी, लेकिन रजिस्टर में इन्ट्री नहीं थी। इस पर एसडीएम ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद उन्‍होंने उपस्थिति पंजिका का निरीक्षण किया। रजिस्टर के अनुसार जितने लोगों की ड्यूटी लगी थी, सभी लोग अस्पताल परिसर में तो थे लेकिन अपने ड्यूटी के स्थान पर नहीं थे।

जांच रिपोर्ट सौंप दी गई है जिलाधिकारी को

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट साईंतेजा सीलम ने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश पर देर रात सीएचसी परतावल व घुघली का निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है।

इस अस्‍पताल में हर ओर गंदगी

शासन की ओर से जहां आम नागरिकों को सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर अच्छे चिकित्सकों की तैनाती की गई है। तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे आम जनमानस को पैसे के अभाव में उपचार से वंचित न होना पड़े। तत्काल प्राथमिक उपचार शुरू हो सके, लेकिन चिकित्सकों व कर्मचारियों के अपने कार्य के प्रति उदासीनता के कारण सरकारी व्यवस्था का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। जब स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए धानी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की पड़ताल की गई तो चौकाने वाले आंकड़े सामने आए। अस्पताल के अंदर जगह जगह गंदगी फैली थी। नेत्र चिकित्सक के कक्ष के सामने गंदा कपड़ा रखा गया था और कुत्ते बैठे थे। मरीजों के पंजीकरण का काउंटर नहीं खुला था। महिला चिकित्सक के कक्ष के दरवाजे पर ताला लटक रहा था। ओपीडी में कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। मरीज सरकारी व्यवस्था को कोसते हुए नजर आ रहे थे। कोविड वैक्सीनेसन सेंटर खुला था।

chat bot
आपका साथी