Indian Railways: दो वर्ष में दो गुने से भी अधिक हो गई मालगाड़ियों की रफ्तार

North Eastern Railway दो वर्ष पहले मालगाड़ियों की गति 23 किमी प्रति घंटे थी। अब यह 46 किमी प्रति घंटे हो गया है। हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष में ट्रेनों की संख्या कम थी। ट्रेनों की संख्या बढ़ने के बाद भी मालगाड़ियों की गति में कमी नहीं आई है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 09:17 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:17 AM (IST)
Indian Railways: दो वर्ष में दो गुने से भी अधिक हो गई मालगाड़ियों की रफ्तार
एनईआर में मालगाडि़यों की गत‍ि 23 किमी प्रति घंटे से 46 किमी प्रति घंटे हो गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। पूर्वोत्तर रेलवे के रूटों पर यात्री ट्रेनें ही नहीं अब मालगाड़ियां भी फर्राटा भरने लगी हैं। मालगाड़ियों की रफ्तार तो महज दो वर्ष में ही दोगुने से भी अधिक हो गई है। कोरोना काल के पहले 23 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ने वाली मालगाड़ियां आज 50 से अधिक की रफ्तार से चल रही हैं।

23 की जगह 50 किमी प्रति घंटे से अधिक की रफ्तार से दौड़ रहीं मालगाड़ियां

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार मालगाड़ियों की गति बढ़ने से रेलवे ही नहीं भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिल रही है। दो वर्ष पहले मालगाड़ियों की गति 23 किमी प्रति घंटे थी। पिछले वित्तीय वर्ष में उसे बढ़ाकर 46 किमी प्रति घंटे कर दिया गया। हालांकि, पिछले वित्तीय वर्ष में ट्रेनों की संख्या कम थी। लेकिन वर्तमान वित्तीय वर्ष में ट्रेनों की संख्या बढ़ने के बाद भी मालगाड़ियों की गति में कमी नहीं आई है। बल्कि 50 किमी प्रति घंटे से भी अधिक हो गई हैं। यह भारतीय रेलवे स्तर पर एक रिकार्ड भी है। पूर्वोत्तर रेलवे मालगाड़ियों को संचालित करने के मामले में भारतीय रेलवे स्तर पर लगातार पहले और दूसरे स्थान पर बना हुआ है। मलागाड़ियों के अलावा स्टेशनों पर स्थित लूप लाइनों (साइड वाली रेल लाइन) की रफ्तार भी बढ़ाकर 15 से 30 किमी प्रति घंटे कर दी गई है।

किफायती दर पर पहुंच रहा सामान ट्रेनों की गति बढ़ने का सीधा लाभ व्यापार से जुड़े लोगों, किसानों एवं छोटे उद्यमियों को मिल रहा है। सामान किफायती दर पर कम समय में गंतव्य पर पहुंच रहे हैं। माल लदान भी तेज गति से बढ़ा है। इसके लिए बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट व्यापारियों, किसानों एवं औद्योगिक प्रतिष्ठानों को रेलवे की मिलने वाली सुविधाओं एवं छूट के बारे में अवगत करा रही है।

110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार लायक बन गए हैं रेलमार्ग

पूर्वोत्तर रेलवे के लगभग सभी मार्गों को मजबूत किया जा रहा है। पटरियां और स्लीपर बदले जा रहे हैं। सिग्नल सिस्टम और प्वाइंटों को मजबूत किया जा रहा है। इसका सीधा असर ट्रेनों के संचालन पर पड़ा है। बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेलमार्ग 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार लायक बन चुका है। गोरखपुर-नौतनवां और गौरखपुर-नरकटियागंज मार्ग पर भी 110 किमी की गति से ट्रेनें चलने लगी हैं।

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