कंटेनर में बंद कर मवेशियों को ले जा रहे थे तस्‍कर, पुलिस वाहन पर फायरिंग कर भागे, 29 गोवंश बरामद

क्राइम ब्रांच और चौरीचौरा थाने की पुलिस ने सोनबरसा बाजार से तस्‍करी कर ले जाए जा रहे 29 गोवंशियों को बरामद किया है। हालांकि तस्‍कर पुलिस वालों पर फायरिंग और पथराव करते हुए फरार हाेे गए। मुकदमा दर्ज कर पुलिस तस्‍करों की तलाश कर रही है।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:45 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:45 AM (IST)
कंटेनर में बंद कर मवेशियों को ले जा रहे थे तस्‍कर, पुलिस वाहन पर फायरिंग कर भागे, 29 गोवंश बरामद
चौरीचौरा थाने में मौजूद तस्‍करों से छुडाए गए गोवंशीय। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। चौरीचौरा के सोनबरसा में पशु तस्करों ने पुलिस वाहन पर हमला कर दिया। हालांकि पुलिस के पीछा करने पर वह कुछ दूरी पर कंटेनर छोड़कर भाग निकले। कंटेनर से 29 गोवंश बरामद हुए हैं। पुलिस मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन में जुटी है।

क्राइम ब्रांच और चौरीचौरा पुलिस की संयुक्‍त टीम को मिली कामयाबी

जिले में पशु तस्करों का दुस्साहस कम नहीं हो रहा है। दोपहर में चौरीचौरा पुलिस को सूचना मिली कि कुछ पशु तस्कर कंटेनर में गोवंश लादकर बिहार लेकर जाने वाले हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए चौरीचौरा थाना पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त पुलिस टीम ने सोनबरसा में बैरियर लगाकर वाहनों की चंकिंग शुरू कर दी। चौरीचौरा पुलिस के मुताबिक इस दौरान एक कंटेनर बैरियर तोड़कर आगे निकल गया। पुलिस कर्मियों ने पीछा किया तो कंटेनर में सवार तस्‍करों ने पुलिस के वाहन पर फायरिंग की।

फायरिंग करने के साथ ही ईंट-पत्‍थर भी चला रहे थे तस्‍कर

कंटेनर से वाहन पर ईंट पत्थर बरसाने लगे। तस्कर कुछ दूरी पर सड़क किनारे कंटेनर सड़क के किनारे खड़ी करके भाग निकले। थोड़ी देर बाद सूचना पाकर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और कंटेनर से 29 गोवंश बरामद हुआ। प्रभारी निरीक्षक चौरीचौरा दिलीप कुमार शुक्ला का कहना है कि दो गोवंश कंटेनर से उतारते ही भाग निकले। मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी है। जल्द ही पशु तस्कर पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

फिंगर प्रिंट से होगी अज्ञात शव की पहचान

फिंगर प्रिंट से अज्ञात शव की पहचान कराई जाएगी।जिले में कहीं भी अज्ञात शव मिलने की सूचना पर फारेंसिक टीम तुरंत मौके पर पहुंचेगी।ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट लेने के बाद उसे रिकार्ड में रखा जाएगा।पहले फारेंसिक टीम पोस्टमार्टम होने के बाद अज्ञात शव का फिंगर प्रिंट लेती थी, जिसमें 72 घंटे इंतजार करना पड़ता था।कई बार ज्यादा समय होने की वजह से फिंगर प्रिंट स्पष्ट नहीं होता था। इसलिए अब शव मिलते ही फिंगर प्रिंट लेने के निर्देश दिए गए हैं।

अक्‍सर मिलते रहते हैं लावारिश शव

यह खबर उन पुलिसकर्मियों के लिए राहत भरी है, जो लावारिस शवों की पहचान के लिए इधर-उधर भटकते रहते हैं। क्योंकि अब ऐसा नहीं होगा। यदि उनके थानाक्षेत्र में अज्ञात शव मिलता है तो उन्हें फोरेंसिक विभाग की टीम को बुलाकर फिंगर प्रिंट दिलवाने होंगे। इसके बाद फोरेंसिक विभाग की टीम फिंगर प्रिंट के जरिए शव की पहचान कराने में मदद करेगी।जिले में इस साल 26 अज्ञात शव मिले हैं, जिनकी पहचान नहीं हो पाई है। एसएसपी डा. विपिन ताड़ा ने बताया कि शव तीन से चार दिन पुराना होने पर उसके फिंगर प्रिंट नहीं लिए जा सकते हैं।ज्यादा समय होने की वजह से अंगुलियों की प्रथम लेयर उतर जाती है। जिसके चलते फिंगर प्रिंट लेने से कोई फायदा नहीं होता है। यदि शव साफ है और ज्यादा पुराना नहीं है तो फिंगर प्रिंट लिए जा सकते हैं, जिसकी पहचान पुलिस की त्रिनेत्र एप या दूसरे साफ्टवेयर की मदद से की जा सकती है।

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